Monday, November 18, 2024

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नीतीश कुमार

29 बंदूक, 2 राइफल, 1 रिवॉल्वर और 519 कारतूस के साथ कॉन्ग्रेस नेता अरेस्ट, टीपू सुल्तान भी गैंग में शामिल

29 दोनाली बंदूक, दो राइफल, वेबलीस्कॉट का एक रिवॉल्वर और 519 कारतूस बरामद किए गए। जो तस्कर गिरफ्तार किए गए, उनमें युवा कॉन्ग्रेस के मुंगेर विधानसभा अध्यक्ष यतीन्द्रनाथ सिंह भवानी कुमार, टीपू सुल्तान उर्फ़ मोहम्मद शबीर हसन के अलावा आर्म्स डीलर...

थूक कर चाटने को तैयार नीतीश की पार्टी, अब चाहिए केन्द्र में मंत्री पद… बिहार चुनाव के लिए पैंतरा!

लोकसभा चुनावों के नतीजे आने पर जब मोदी सरकार 2.0 की एनडीए कैबिनेट बनाने की कवायद शुरू हुई, तो जदयू ने सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया था। तब केसी त्यागी ने ही इसे 'अंतिम निर्णय' बताया था लेकिन आगामी बिहार विधान सभा चुनाव को देखते हुए...

पार्टी की हार का JDU विधायक ने मनाया जश्न, हाथी पर चढ़ निर्दलीय को दी जीत की बधाई

उपचुनाव में जदयू प्रत्याशी को निर्दलीय कर्णजीत सिंह से शिकस्त खानी पड़ी। बावजूद इसके जदयू विधायक श्याम बहादुर ने पार्टी की हार का जश्न कर्णजीत सिंह के साथ मिलकर मनाया।

हे संजय! सच-सच बतलाना: तुम इतनी बेशर्मी, इतना बड़बोलापन लाते कहाँ से हो?

जब सुशासन की ही पोल खुल चुकी हो तो उसके बड़बोले मंत्री के दावों पर गौर करना बेमानी है। लेकिन, यह सियासत है। और वो भी बिहार की, जिसके समीकरण दिल्ली से ही तय होने हैं। लिहाजा हर ट्वीट के पीछे का गणित समझना जरूरी हो जाता है।

जामा मस्जिद के पास मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई पत्थरबाज़ी, थानाध्यक्ष की अमर्यादित भाषा से बिगड़ा माहौल

कोतवाली थानाध्यक्ष ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान जामा मस्जिद के पास कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। साथ ही थानाध्यक्ष ने 12 लोगों को गिरफ़्तार किए जाने की पुष्टि की। सभी को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।

अभी लाखों बिहारी फिर से अपने गाँव-घर जाने को परेशान होंगे

मेरे गर्वीले बिहारियों! मिजोरम या असम जैसे पहाड़ी आतंकवाद ग्रस्त राज्यों से तुलना कर बिहार को महान ठहराकर आप जैसे लोगों ने ही नीतीश तक को शिथिल बना दिया है। किसी नेता को यह उम्मीद ही नहीं है कि कोई उनसे सवाल भी पूछ सकता है ,क्योंकि हम सभी ने शूकरवृत्ति में ही मोक्ष मान लिया है।

‘अगर हथिया ही सब कुछ है तो इतने बड़े-बड़े हाथी जो हम लोगों ने पाल रखे हैं वो क्यों हैं’

भूकंप, बाढ़ और जल-जमाव जैसी आपदाएँ झेलने के बाद बिहारवासी कम से कम ये सीख लेंगे कि आपदा की स्थिति में किसी और के बदले अपने आप पर भरोसा करना होगा क्योंकि जिनके भरोसे बैठे हैं उस सरकार, राजनैतिक दल, एनजीओ वगैरह में से तो कोई आता नहीं!

बिहार बाढ़ पर घिरे नीतीश ने मीडिया की भाषा पर कसा तंज, कहा- समाज को कहाँ ले जाना है, क्या लैंग्वेज है भाई

नीतीश कुमार ने कहा, "तो भाई आखिर इसका क्या अर्थ होने वाला है। कहाँ ले जाना चाहते हैं समाज को, किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं? आपको कोई भ्रम है क्या कि आपकी भाषा के प्रयोग करने से कुछ होता है? कुछ नहीं होता है...."

क्या मर गया है बिहारियों का स्वाभिमान? क्या नीतीश कुमार को घेर कर नहीं पूछ सकते सवाल?

दुर्भाग्य यह है कि बिहार में शायद कुछ भी सही नहीं है। इसलिए हमें बुद्ध और चाणक्य की शरण में जाना पड़ता है। लेकिन अशोक स्तम्भ और गरुड़ध्वज की छाया क्षीण हो चुकी है। नितीश और लालू जैसे नेता यह बताते हैं कि हम चुनने में भी गलती करते हैं, और उसके बाद काम करवाने के लिए प्रयास भी नहीं करते।

6 फीट पानी में तो इंसान डूब जाता है, आपका अहंकार क्यों नहीं डूबता…

मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर 72 घंटे पहले चेताया था। बैठक भी हुई थी। मंत्री-अफसर सब जुटे थे। नाश्ते में काजू भी रहा होगा मगर उस बैठक का नतीजा क्या हुआ? बारिश होती रही और ढीठ सिस्टम मुॅंह ताकता रहा।

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