पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि हमले में ASI हरजीत सिंह का हाथ कट गया। इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई में एडमिट कराया गया है। हमले में कई अन्य पुलिसकर्मी और मंडी बोर्ड के अधिकारी घायल हुए हैं।
बडगाम जिले के वाथुरा गाँव पहुॅंची मेडिकल टीम ने जब एक संदिग्ध से ट्रेवल हिस्ट्री को लेकर पूछताछ की तो उसके परिजनों ने उन्हें बंधक बना लिया। पुलिस जब इन्हें छुड़ाने के लिए पहुॅंची तो भीड़ ने उस पर भी पथराव कर दिया।
इस मामले का एक वीडियो पत्रकार रविन्द्र सिंह रॉबिन ने अपने ट्विटर पर शेयर किया है। मस्जिद में हो रही नमाज को लेकर जब पुलिस ने विरोध किया तो लोगों ने अचानक से पुलिस टीम पर ईंट-पत्थरों से हमला कर दिया। इस दौरान पुलिस को घरों में घुसकर अपनी जान बचानी पड़ी।
जमातियों के एक जगह पर एकत्र होने की सूचना पर पहुँचे दो सिपाहियों को पीटने के बाद करीब 200 लोग एकत्र हो गए और पुलिस चौकी पर हमला कर दिया। भीड़ ने पुलिस चौकी को फूँकने का भी प्रयास किया।
हमलावरों की पहचान की जा रही है। उन्हें जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। ड्रोन की मदद से छतों की निगरानी की जा रही है। पुलिस के आला अधिकारियों ने कहा है कि लॉकडाउन तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बेंगलुरु में कोरोना वायरस से जुड़ा डेटा कलेक्ट करने गई एक आशा कार्यकर्ता पर लोगों ने हमला कर दिया। कार्यकर्ता कृष्णावेनी का आरोप है कि एक मस्जिद से लोगों को भड़काया गया और इसके बाद उन पर हमला किया गया।
पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश करते हुए मस्जिद में इकट्ठा नहीं होने और अपने घरों में नमाज पढ़ने को कहा। इसके बाद उनकी पुलिस से नोंकझोंक हो गई। इसी बीच किसी ने अफवाह फैला दी कि पुलिस मौलवी को पीटते हुए थाने ले जा रही है। इसके स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
बचाव में पुलिस ने लाठीचार्ज कर महिलाओं को खदेड़ना शुरू कर दिया और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके बाद ही स्थिति को कंट्रोल में किया जा सका।
मुजफ्फरनगर में सीएए विरोध के नाम पर हुई हिंसा के दौरान कई बच्चे पुलिस पर पत्थर फेंकते और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाते देखे गए थे। इस संबंध में अब तक 47 मामले दर्ज किए गए हैं। 250 से अधिक आरोपितों में से करीब 80 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इससे पहले कि माहौल बिगड़ता घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम ऋषिराज, सीओ यूएम मिश्रा पुलिस दल-बल के साथ घटना-स्थल पर पहुँचे। पुलिस के आते ही सभी उपद्रवियों ने अपने घरों और गलियों में घुसना शुरू कर दिया और ग़ायब हो गए।