"मैं सम्बंधित मंत्रालयों से दरख्वास्त करती हूँ कि इतने कठोर क़ानून बनाए जाएँ कि कोई व्यक्ति किसी की बलात्कार करना तो दूर, किसी महिला की तरफ़ गलत नज़र से देखने से पहले भी 100 बार सोचे। मैं जया बच्चन के बयान का समर्थन करती हूँ।"
घटना के 4 दिन बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि वो इस ख़बर से व्यथित हैं। मुख्यमंत्री ने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई के बाद दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाए जाने की बात कही है। लोग पुलिस व प्रशासन से नाराज़ हैं।
पीड़िता के पिता के अनुसार, उनकी बेटी के छात्रावास के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया था। घटना से आहत पीड़िता के पिता के अलावा कॉलेज के कुछ अन्य छात्रों ने शव को लगभग 12 घंटे तक पोस्टमार्टम के लिए नहीं ले जाने दिया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस विषय पर लोकसभा में ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा हर सुझाव को स्वीकार करने की बात कही। दोनों सदनों में इस वीभत्स घटना को लेकर सभी पार्टियों के सांसदों ने क्षोभ प्रकट किया।
भरोसा जीतने के लिए आरिफ ने डॉ. रेड्डी को अपना नंबर दिया था। जब स्कूटी ठीक कराने गया युवक काफी देर तक नहीं लौटा तो इस नंबर पर उन्होंने कॉल किया। इसी नंबर को ट्रेस कर पुलिस लॉरी तक पहुॅंची और मामले की गुत्थी सुलझी।
केसीआर ने कहा कि वो इस बात से बहुत दुःखी हैं कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग हमारे ही समाज में, हमारे ही बीच रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये एक भयंकर और अमानवीय घटना है। उन्होंने कहा कि जैसे वारंगल मामले में सुनवाई जल्द पूरी हुई थी, वैसे ही इस बार भी की जाएगी।
"हमारे समुदाय में अगर कोई अविवाहित लड़की की मृत्यु होती है तो एक पेड़ से उसकी शादी की रस्म निभाई जाती है। अफसोस कि मेरी भतीजी डॉक्टर रेड्डी के मामले में ये भी नहीं हो सका।"
जब शिवा स्कूटी लेकर लौटा, तब मोहम्मद आरिफ ने 'प्रीति रेड्डी' का हाथ पकड़ा और केशवुलु ने उनके पाँवों को जकड़ लिया। नवीन ने पीड़िता का कमर पकड़ा और तीनों उन्हें उठा कर झाड़ियों में ले गए। पुलिस की रिपोर्ट में चारों आरोपितों के कुकर्मों का है पूरा विवरण।
लिंगाराम ने बताया कि दोनों पहली नज़र में ही संदिग्ध प्रतीत हो रहे थे। उनकी गतिविधियाँ संदेहास्पद होने के कारण लिंगाराम ने उन्हें पेट्रोल बेचने से इनकार कर दिया। गवाह लिंगाराम ने पुलिस को यह भी बताया कि वो आरोपितों को सामने देखते ही पहचान सकते हैं। इसके बाद ही...
रात के सवा नौ बजे जब डॉ. प्रीति ने अपनी बहन को फ़ोन किया था, उसी समय आरिफ़ ने उनके पास आकर मदद की पेशकश की थी। टोल प्लाजा पर स्कूटी खड़ी करते देख ही वह अपने साथियों के साथ रेप और मर्डर का प्लान बना चुका था।