एजाज खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें गालीबाज एजाज खान ने अर्नब गोस्वामी, रजत शर्मा और सुधीर चौधरी को कोरोना वायरस होने की दुआ माँगी है।
अप्रैल, 2020 को किए गए एक ट्वीट में 'कॉमरेड' अरुण नाम्बियार ने लिखा है- "तो ट्रम्प के अपनी पैंट की चेन खोलते ही भारत माता अपने घुटनों पर झुक गई?" यह ट्वीट अरुण नाम्बियार ने डोनाल्ड ट्रम्प के भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की माँग करने के बाद किया है।
थोड़ी आगे जाकर नईम अपना संतुलन खो बैठा और धुरत के साथ बाइक से गिर गया। बाइक भी दूर जा गिरी। इस वाकये में धुरत के हाथ, पैर और कंधे में चोटें आईं। बाद में उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया और मौक़े पर ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों द्वारा नईम को गिरफ्तार कर लिया गया।
करीब 8:30 बजे जब बस अमरनाथ जिले के बटेंगू पहुँची तभी इस्लामी आतंकवादियों के एक समूह ने बस पर हमला कर दिया था और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। इसमें आठ यात्रियों की मौत हो गई और कुछ अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद जैसे ही पता चला था कि आतंकवादी पाकिस्तानी थे, ऐसे ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला ने दाऊद से जुड़े कई राज उगले हैं। बताया है कि कैसे मिर्जा दिलशाद बेग की वजह से डी गैंग का सरगना बच गया। उसने थाइलैंड और बांग्लादेश में भी दाऊद की पकड़ का खुलासा किया है।
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि किस तरह से ISI द्वारा मुंबई के डॉन से मिलकर देश में हथियारों, गोला-बारूद और धन के वितरण के लिए एक नेटवर्क तैयार किया गया। इसका सिर्फ एक मकसद था भारत की अखंडता और स्थिरता पर प्रहार।
जब कसाब ने तुकाराम को गोलियों से छलनी कर दिया तो साथी पुलिसकर्मी आवेश में आ गए। वे कसाब को मार गिराना चाहते थे। लेकिन, इंस्पेक्टर गोविलकर ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी। यदि गोविलकर ने उस दिन ऐसा नहीं किया होता तो दुनिया कसाब को समीर चौधरी के नाम से जानती।
पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया सुबह साढ़े चार बजे कसाब से कहते हैं कि वो अपना माथा ज़मीन से लगाए... और उसने ऐसा ही किया। इसके बाद जब कसाब खड़ा हुआ तो मारिया ने कहा, “भारत माता की जय बोल” कसाब ने फिर ऐसा ही किया। मारिया दोबारा भारत माता की जय बोलने के लिए कहते हैं तो...
भारत में मस्जिदों पर ताले लगे होते हैं, मुस्लिमों को नमाज पढ़ने नहीं दिया जाता है। - ये बातें अजमल कसाब का ब्रेनवॉश करने के लिए उससे कही गई थीं। 26/11 हमले से पहले उसे 1.25 लाख पाकिस्तानी रुपए भी दिए गए, जो उसने अपनी बहन की शादी के लिए...
"सभी 10 हमलावरों के पास फर्जी हिंदू नाम वाले आईकार्ड थे। कसाब को जिंदा रखना पहली प्राथमिकता थी। क्योंकि वो 26/11 मुंबई हमले का सबसे बड़ा और एकलौता सबूत था। उसे मारने के लिए ISI, लश्कर-ए-तैयबा और दाऊद इब्राहिम गैंग ने..."