21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की थी। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि प्रधाानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 30 करोड़ लाभार्थियों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तौर पर 28,256 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।
कई राज्यों ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की माँग की है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि पीएम मोदी को बिना किसी झिझक के लॉकडाउन की अवधि बढ़ा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है जिससे कोरोना को रोका जा सके।
ग्वालियर से कॉन्ग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने प्रधानमंत्री मोदी के रात नौ बजे नौ मिनट पर 'दिया जलाने' की मुहिम का समर्थन करने का एलान कर दिया। ट्विटर पर पूर्व प्रधानंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता "आओ फिर से दिया जलाएँ" के जरिए उन्होंने कहा कि यही एकता प्रदर्शित करने का समय है और...
ओवैसी के ये सारे आरोप महज राजनीति से ही प्रेरित नजर आते हैं क्योंकि प्रधामंत्री कार्यालय की तरफ से इस संदर्भ में जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें यह स्पष्ट तौर पर रेखांकित है कि प्रधामंत्री इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली मीटिंग में सिर्फ उन्हीं राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स से बात करेंगे, जिनके सदस्यों की संख्या दोनों सदनों में मिलाकर कम से कम 5 है।
"भारत में लॉकडाउन को उस समय पूरी तरह से लागू कर दिया गया था, जब भारत में बहुत कम कोरोना के मामले सामने आए थे। इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि निश्चित तौर पर यह भारत सरकार का दूरगामी फैसला था। यही कारण है कि इतनी बड़ी आबादी वाले देश में यह महामारी तेजी से नहीं फैल सकी। सरकार का यह एक साहसिक फैसला है।"
तीन दिन से भूखी इन बच्चियों ने काेविड-19 के लिए जारी केंद्र सरकार की हेल्प डेस्क 1800118797 पर फोन कर अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दी। और जैसे चमत्कार ही हो गया। एक घंटे भीतर ही इन बच्चियों के पास अधिकारी भोजन लिए दौड़े-दौड़े आए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह भी बताया कि बीते दो दिनों में ही अब तक तबलीगी जमात के सदस्यों की वजह से 647 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं जो देश के 14 राज्यों में फैले हुए हैं। इसके अलावा पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के कारण हुई 12 मौतों में से भी कई तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं।