Thursday, May 15, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'लॉकडाउन लगाना मोदी सरकार का साहसिक फैसला, वरना तेजी से फैलती महामारी, भुगतने पड़ते...

‘लॉकडाउन लगाना मोदी सरकार का साहसिक फैसला, वरना तेजी से फैलती महामारी, भुगतने पड़ते गंभीर परिणाम’

मोदी सरकार द्वारा 21 दिनों के लॉकडाउन के फैसले पर भले ही विपक्षी पार्टियाँ तरह-तरह के सवाल खड़े कर रही हों, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेष दूत डॉक्टर डेविड नाबरो ने इस कदम की सराहना की है।

मोदी सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए देश में लागू किए गए 21 दिनों के लॉकडाउन के फैसले पर भले ही विपक्षी पार्टियाँ तरह-तरह के सवाल खड़े कर रही हों, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेष दूत डॉक्टर डेविड नाबरो ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। साथ ही डॉक्टर डेविड ने कहा है कि सरकार का यह कदम दूरगामी सोच का परिणाम है, जो कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में सहायक सिद्ध होगा।

हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक WHO के विशेष दूत डॉक्टर डेविड नाबरो ने कहा कि भारत में लॉकडाउन को उस समय पूरी तरह से लागू कर दिया गया था, जब भारत में बहुत कम कोरोना के मामले सामने आए थे। इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि निश्चित तौर पर यह भारत सरकार का दूरगामी फैसला था। यही कारण है कि इतनी बड़ी आबादी वाले देश में यह महामारी तेजी से नहीं फैल सकी। वहीं समय से इस कठोर फैसले को लेने के कारण देशवासियों को इसके खतरे का ठीक से पता चल जाएगा।

डॉक्टर डेविड ने आगे कहा कि सरकार का यह एक साहसिक फैसला है। इससे महामारी को स्थानीय स्तर पर रोकने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश में इसे देरी से लागू किया होता तो शायद भारत जैसे देश में को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते। तीन हफ्ते का लॉकडाउन भारत की बिल्कुल सही रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने अमेरिका जैसे देश की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ देशों में लॉकडाउन का सही तरीके से पालन नहीं किया गया।

आपको बता दें कि चीन से निकले कोरोना वायरस के भारत में पहुँचने से पहले ही मोदी सरकार ने इसके बचाव के लिए तमाम तरह की तैयारियाँ कर लीं थी। इतना ही नहीं, देश में हुई कुछ मौत के बाद सरकार ने देशवासियों से एक दिन के लिए जनता कर्फ्यू का आह्वान करके लोगों के मन को भी टटोल लिया था और इसके बाद 24 मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 21दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया था।

सरकार के इस फैसले का आम लोगों ने तो खूब सराहा, लेकिन विपक्षी दलों ने इसकी अपने-अपने तरीके से आलोचना भी की थी। हालांकि देश में लॉकडाउन घोषित होने के बाद गरीब-मजदूरों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार ने सक्रियता दिखाते हुए इस सभी समस्याओं को राज्य सरकारों के साथ मिलकर समय रहते ही निपटा लिया। एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर सभी लाइटें बंद करके 9 मिनट दीपक, मोमबत्ती जलाने की अपील की है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

200+ बंकर तबाह, 450 IED डिफ्यूज, 31 ढेर… 21 दिन में 1200 वर्ग किमी का नक्सल पहाड़ ध्वस्त: अमित शाह ने दोहराया 31 मार्च...

कर्रेगुट्टा पहाड़ पर 31 नक्सली मारे गए हैं। नक्सलियों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ पर 200 सुरंगों और बंकरों में अपना ठिकाना बना रखा था।

कुरान में शर्तों के साथ अनुमति, पर मुस्लिम मर्द स्वार्थ के लिए कर रहे एक से अधिक निकाह: इलाहाबाद हाई कोर्ट; जानिए एक से...

अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि अगर पहली शादी के बाद इस्लाम अपनाकर दूसरा निकाह किया गया हो तो ऐसे में ये अपराध होगा।
- विज्ञापन -