Monday, November 11, 2024

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सर्वोच्च न्यायालय

अयोध्या मामला: ‘बाबर की जमीन होने के सबूत नहीं तो मुस्लिमों को हिस्सा कैसा’

"यह तो स्पष्ट है कि मस्जिद को मंदिर के ऊपर बनाया गया था। मंदिर के अवशेष उस जगह से मिले हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद बनाई गई। बाबर के जमीन का मालिक होने का सबूत नहीं है। सुन्नी वक्फ बोर्ड का मामले में दावा ही नहीं बनता।"

SC ने 370 पर माँगा केंद्र से जवाब, अक्टूबर में संवैधानिक बेंच सभी याचिकाओं पर करेगी सुनवाई

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में 14 याचिकाएँ दायर हुई हैं। जिसमें एडवोकेट एमएल शर्मा, पूर्व आईएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार की याचिका भी शामिल है।

फर्जी नारीवाद में मत फँसो लड़कियो, वरना प्रेम में सहमति से बना शारीरिक संबंध भी फर्जी बलात्कार ही लगेगा

फर्जी नारीवाद को दो पल के लिए कोने में रखकर एक बार इस पर गौर कीजिए कि हम कथित तौर पर महिला सुरक्षा और महिला अधिकारों के नाम पर क्या गंदगी फैला रहे हैं। हम अभिव्यक्ति की आजादी का प्रयोग कौन सी दिशा में कर रहे हैं? पूछिए एक बार खुद से क्या वाकई प्रेम में अलग होने के बाद आपसी संबंध बलात्कार हो जाते हैं?

‘…अगर आप शारीरिक संबंध बनाती हैं, यह जानते हुए कि उसके साथ शादी निश्चित नहीं है तो वह रेप नहीं होगा’

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली बेंच ने कहा कि वादा करना और किन्हीं परिस्थितियों में उसे नहीं निभा पाना वादा कर धोखा देना नहीं है। कोर्ट ने कहा, " झूठे वादे कर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने में और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने में फर्क है।

मस्जिद बनाने के लिए तोड़ा गया था राम मंदिर – रामलला विराजमान के वकील ने पेश किए सबूत

रामलला के वकील ने 12 वीं सदी के शिलालेख का हवाला दिया और कहा कि साकेत मंडल के राजा गोविन्द चंद्र ने ग्यारहवीं शताब्दी में अयोध्या में विष्णु हरि का सुन्दर मंदिर बनवाया था जिसकी पुष्टि वहाँ से मिले एक शिलालेख से होती है जिसमें इसका पूरा वर्णन है।

संतों संग राम जन्मभूमि न्यास पहुँचे मुस्लिम समर्थक, मंदिर निर्माण के लिए तराशे पत्थरों को किया साफ़

बबलू खान के नेतृत्व में 6 दर्जन मुस्लिम लोग न्यास पर पहुँचे और बड़ी संख्या में उन्होंने राम मंदिर न्यास में श्रम दान किया।

तेज बहादुर यादव की याचिका ख़ारिज, चुनाव प्रक्रिया में दखल देने से SC ने किया इनकार

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव प्रक्रिया में दखल देने से साफ़ मना किया। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई कारण नहीं दिखाई दिया जिससे कि तेजबहादुर की याचिका पर गौर किया जाए।

मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टरहोम केस में मिली हड्डियों की पोटली: CBI ने जताई लड़कियों की हत्या की आशंका

पीठ ने कहा है कि इस आवेदन पर कोर्ट सीबीआई को औपचारिक नोटिस जारी करेगा, जिसका जवाब एजेंसी को 4 दिन के भीतर देना होगा। पीठ ने संक्षिप्त दलीलों कों के बाद इस मामले की सुनवाई के लिए 6 मई की तारीख तय की है।

रमजान में मतदान: ‘सुबह 5 बजे से वोटिंग हो या नहीं’ का मामला सुप्रीम कोर्ट में, चुनाव आयोग से भी सवाल

रमजान 5 मई से शुरू हो रहे हैं। इसके बाद 3 चरणों में 6, 12, 19 तारीख़ को चुनाव होने हैं। ऐसे में बढ़ती हुई गर्मी या चुनावी 'गर्मी' देख कर कुछ लोगों ने यह याचिका डाली है।

यौन अपराध के पीड़ित ही नहीं ‘आरोपितों’ की भी पहचान छिपाई जानी चाहिए: SC में याचिका

ऐसे मामलों में न केवल आरोपी की प्रतिष्ठा और गरिमा को बहाल करना मुश्किल हो जाता है बल्कि अपमान, दुख, संकट और आर्थिक नुकसान की भरपाई करना भी काफी मुश्किल हो सकता है, लेकिन बरी किए जाने से उसे कुछ सांत्वना मिल सकती है और वह नुकसान के लिए मामला दर्ज करा सकता है।

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