"यदि राहुल गॉंधी का नाम राहुल सावरकर होता तो हम सबको अपना मुॅंह छिपाना पड़ता। अब हम उम्मीद करते हैं कि उद्धव ठाकरे अपना वादा निभाएँगे। वे कई बार कह चुके हैं कि यदि किसी ने सावरकर का अपमान किया तो वे उसे सार्वजनिक रूप से पीटेंगे। मैं उम्मीद करता हूॅं कि शिवसेना ने सावरकर पर अपना स्टैंड नहीं बदला होगा।"
कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी के सावरकर को लेकर दिए गए बयान ने भी प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। इस मसले पर भाजपा और शिवसेना के सुर एक जैसे हैं। इससे दोनों के जल्द साथ आने की अटकलों को बल मिला है।
"महात्मा गाँधी की हत्या कॉन्ग्रेस की अनुमति से हुई थी और इसका सबसे ज्यादा फायदा भी कॉन्ग्रेस ने ही उठाया है। कॉन्ग्रेस गाँधी की हत्या का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करती रही है। कॉन्ग्रेस की अपनी कोई नीति ही नहीं है। वो सत्ता सुख के लिए कुछ भी कर सकती है।"
वीर सावरकर को भारत रत्न देने के वादा भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान किया था। इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने कहा है कि इसके लिए औपचारिक सिफारिश जरूरी नहीं है।
वीर सावरकर की फोटो को दीवार से उखाड़ कर पहली बेंच पर पटक दिया गया था। फोटो पर स्याही लगी हुई थी। इसके बाद छात्र आक्रोशित हो उठे और धरने पर बैठ गए। छात्रों के आक्रोश को देख कर एचओडी वहाँ पर पहुँचे। उन्होंने तीन सदस्यीय कमिटी गठित कर जाँच का आश्वासन दिया।
राजस्थान में (जहाँ कॉन्ग्रेस का शासन है) इतिहास की पाठ्य पुस्तकों से उनके नाम से 'वीर' हटा दिया गया और अब इतिहासकारों की स्वायत्त संस्था ICHR को राजस्थान यूनिवर्सिटी ने कह दिया है कि यूनिवर्सिटी कैम्पस में सावरकर छोड़ कर किसी भी विषय पर सम्मेलन हो सकता है।
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने सावरकर को भारत रत्न देने का वादा किया था। कॉन्ग्रेस ने जमकर इसका विरोध किया। हालॉंकि उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका समर्थन करते हुए कहा था कि सावरकर ने आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।
पत्र में इंदिरा गाँधी ने न केवल सावरकर को "भारत का विशिष्ट पुत्र" बताया था, बल्कि यह भी कहा था कि उनका ब्रिटिश सरकार से निर्भीक संघर्ष स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में अपना खुद का महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
"ये वीर सावरकर के ही संस्कार हैं कि राष्ट्रवाद को हमने राष्ट्र निर्माण के मूल में रखा है। वीर सावरकर को आए दिन गालियाँ देने वाले, उनका अपमान करने वाले, वही लोग हैं जिन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर का कदम-कदम पर अपमान किया। उनको दशकों तक भारत रत्न से वंचित रखा।"