कॉन्ग्रेस वह पार्टी है जिसके नेता खुद को भी देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाज चुके हैं। देश के अमर क्रांतिकारियों को सत्ता में रहते हुए उसने कभी इसका हकदार ही नहीं माना। यहॉं तक कि जब महाराष्ट्र के चुनाव में बीजेपी ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने का वादा किया तो भी कॉन्ग्रेस इसकी आलोचना से पीछे नहीं रही। लेकिन, विधानसभा चुनावों की शिकस्त के बाद उसे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद आई है।
कॉन्ग्रेस नेता और लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को भारत रत्न से सम्मानित करने की माँग की है। साथ ही मोहाली स्थित हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आज़म सिंह के नाम करने की भी अपील की है। उन्होंने इस पत्र को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है।
My letter to H’onble Prime Minister @narendramodi formally requesting him to accord Bharat Ratna to Shaheed-E-Azam’s Bhagat Singh, Rajguru & Sukhdev.Formally Confer the honorific of Shaheed-E-Azam on them & dedicate Chandigarh Airport located in Mohali in memory of Bhagat Singhji pic.twitter.com/PfqduZq8oi
— Manish Tewari (@ManishTewari) October 26, 2019
तिवारी ने पत्र में कहा है कि आगामी गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी 2020 के मौक़े पर इन तीनों शहीदों को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। साथ ही इन्हें आधिकारिक तौर पर ‘शहीद-ए-आज़म’ घोषित किए जाने का भी आग्रह किया है। 25 अक्टूबर के पत्र में तिवारी ने लिखा, “मैं इस तथ्य की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद का पुरज़ोर विरोध कर देशवासियों को आंदोलन के लिए प्रेरित किया। इसके बाद 23 मार्च, 1931 को तीनों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया।”
ग़ौरतलब है कि महाराष्ट्र बीजेपी ने अपने घोषणा-पत्र में वादा किया था कि अगर राज्य में सरकार बनी तो केंद्र सरकार से वीर सावरकर को भारत रत्न देने की अपील करेंगे। कॉन्ग्रेस के विरोध के बावजूद उसके राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोशल मीडिया में खुलकर कहा था कि सावरकर ने न केवल आज़ादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी, बल्कि वे देश के लिए जेल भी गए थे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,
“निजी तौर पर मैं सावरकर की विचारधारा से सहमत नहीं हूँ। लेकिन इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि वे एक काबिल व्यक्ति थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दलितों के अधिकार की लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए।”
सिंघवी ने स्वच्छता अभियान के प्रसार के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई कोशिशों की भी सराहना की। उन्होंने लिखा, “जहाँ हक़दार हों, वहाँ प्रशंसा की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाँधी जी के स्वच्छता के संदेशों को प्रसारित करने के लिए बॉलीवुड की मदद ली। इससे अधिकतर लोगों का ध्यान इस मुद्दे पर जाएगा।”