ज्योति मिश्रा का पूरा मामला पूजा खेडकर के फ्रॉड से जुड़ी खबरें आने के बीच उजागर हुआ। जाँच में पता चला कि ज्योति ने परिवार को दो साल से गुमराह किया हुआ था।
सियाचिन ग्लेशियर में सेना के टेंटों में लगी आग से साथी जवानों को बचाने के लिए कैप्टन अंशुमन सिंह बलिदान हो गए थे। उन्हीं की पत्नी पर अमजद ने अभद्र टिप्पणी की।
अर्चना ने कहा कि जब मैं 21 जून 2024 को स्वर्ण मंदिर अमृतसर में शीर्षासन कर रही थी, तो 1000 सिख लोग मुझे देख रहे थे। किसी ने भी मुझे नहीं रोका या इस पर आपत्ति नहीं जताई।