क्या फोन में पोर्न देखने पर पुलिस तुरंत नोटिस भेज दे रही है? दरअसल, सोशल मीडिया पर एक नोटिस वायरल हो रहा है, जिसे पुलिस का बताया जा रहा है। लेकिन, सच्चाई कुछ और ही है। दरअसल, जब कुछ लोगों ने इंटरनेट पर पोर्न सर्च किया तो उनके ब्राउज़र में एक पॉपअप की नोटिस के साथ एक कंटेंट खुल जा रहा है, जिसमें लिखा है – “आप पोर्न देख रहे हैं, ये एक अपराध है। 3000 रुपए जुर्माना न भरने पर आपका कम्प्यूटर ब्लॉक कर दिया जाएगा।”
यहाँ तक कि इस फेक नोटिस में एक QR कोड तक बना हुआ है, जिसे स्कैन कर के ऑनलाइन रुपए माँगे जा रहे हैं। इसमें लिखा है, “आप भारत के कानून के तहत प्रतिबंधित पोर्नोग्राफी सामग्री (पीडोफिलिया, हिंसा और समलैंगिकता का प्रचार) साइटों पर बार-बार आने के लिए ब्लॉक किए गए हैं। आपके निर्णय नंबर के अनुसार, 3000 रुपए का जुर्माना भरना होगा। किसी भी सुविधानक माध्यम से आप जुर्माना भर सकते हैं।”
व्हाट्सएप्प से लेकर गूगल पे और पेटीएम व फोनपे तक से रुपए लेने के लिए वहाँ एक क्यूआर कोड भी दिया गया है। साथ ही झाँसा दिया गया है कि जुर्माना चुका देने पर कम्प्यूटर स्वचालित रूप से अनब्लॉक कर दिया जाएगा। जुर्माना न भरने पर कम्प्यूटर का पूरा डेटा डिलीट करने और तुरंत निवास स्थान पर पुलिस भेज कर गिरफ़्तारी की भी धमकी है। साथ ही जुर्माना चुकाने की अवधि 6 घंटे बताई गई है।
वहीं अब इस फेक ‘पुलिस के नोटिस’ पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यही लोग पुलिस का फर्जी नोटिस देते थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में दो चेन्नई के रहने वाले हैं। सोशल मीडिया से इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया था। जिस स्थानीय मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया है, उसका भाई विदेश से ही इस फर्जी नोटिस को ऑपरेट कर रहा है और तकनीकी चीजों को देख रहा है।
पुलिस को कई ऐसे एकाउंट्स का पता चला है, जिसमें इस फर्जी नोटिस के जरिए लाखों रुपए वसूले गए हैं। पुलिस को अब तक 30 से 40 लाख के लेनदेन का पता चला है। लगभग 1000 से ज्यादा लोगो के साथ धोखाधड़ी की गई है। हालाँकि, दिलचस्प ये है कि पुलिस को अभी तक किसी की भी शिकायत नहीं प्राप्त हुई है। इस मामले में चेन्नई से गैब्रियल जेम्स व राम सेलवन और धिनुषनाथ को त्रिची से दबोचा है।
धनुषनाथ कम्बोडिया में रहता था और वहीं से तकनीकी सपोर्ट दे रहा था। पुलिस ने ऐसे लोगों को सामने आने को कहा है, जिन्हें ऐसी नोटिस मिली और जिनके साथ धोखाधड़ी हुई। बताते चलें कि भारत में पर्सनल स्पेस पर पोर्नोग्राफी देखना प्रतिबंधित नहीं है लेकिन पोर्न फिल्म बनाना, उसे सार्वजनिक तौर पर दिखाना, वितरित करना और प्रकाशित करना अपराध माना गया है। यदि पोर्न का कंटेन्ट रेप या शारीरिक शोषण या नाबालिग से जुड़ा है तो उस पर कार्रवाई की जाती है।