Tuesday, October 1, 2024
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उस अदनान को कोर्ट ने दी जमानत, जिसने ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देने वाले जज को ‘काफिर’ बता हलाल करने की कही थी बात

जज की तस्वीर पोस्ट करते हुए अदनान ने जज को काफिर कह कर संबोधित किया था और कहा था कि ऐसे लोगों का खून हलाल हैं, जो आपके 'दीन' के खिलाफ हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित विशेष एनआईए कोर्ट ने अदनान खान नाम के इस्लामी कट्टरपंथी को जमानत दे दी, जिसने जज रवि कुमार दिवाकर को जान से मारने की धमकी दी थी। यही नहीं, जज की तस्वीर पोस्ट करते हुए उसने जज को काफिर कह कर संबोधित किया था और कहा था कि ऐसे लोगों का खून हलाल हैं, जो आपके ‘दीन’ के खिलाफ है। जज दिवाकर ने 2022 में ज्ञानवापी ढाँचे का सर्वे कराने का आदेश दिया था।

इस मामले में अदनान खान को एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने 4 जून 2024 को गिरफ्तार किया था। उस पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A, 115, 506 और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 13 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

एफआईआर के मुताबिक, अदनान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर जज रवि कुमार दिवाकर की एक फोटो पोस्ट की थी, जिसमें उनके चेहरे के ऊपर लाल रंग से “काफ़िर” लिखा हुआ था। साथ ही कैप्शन में लिखा था, “THE KAFIRS BLOOD IS HALAL FOR YOU THOSE WHO FIGHT AGAINST YOUR DEEN”। यह पोस्ट देखने के बाद यूपी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और अदनान खान को हिरासत में लिया था।

कोर्ट में पेश की गई एफआईआर में कहा गया है कि अदनान की इस पोस्ट को कई लोगों ने देखा, जिससे उनकी विचारधारा से जुड़े लोगों को जज की हत्या के लिए प्रेरित किया गया। इसके साथ ही यह पोस्ट धार्मिक आधार पर वर्गों के बीच वैमनस्य और नफरत फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। अदनान के वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और जिन धाराओं के तहत उन पर मामला दर्ज किया गया है, वे सात साल से कम सजा वाली हैं। इसके अलावा, अदनान जून 2024 से जेल में बंद था और इस दौरान अभियोजन पक्ष ने कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया जो अदनान के खिलाफ किसी बड़ी साजिश को साबित कर सके।

विशेष एनआईए जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदनान को जमानत दे दी। जज ने अपने फैसले में कहा कि जिन धाराओं के तहत अदनान पर मुकदमा चल रहा है, उनकी सजा सात साल से कम है और अभियोजन पक्ष ने अदनान के किसी पुराने आपराधिक रिकॉर्ड को साबित नहीं किया है। जज ने यह भी कहा कि अदनान को पहले से ही काफी समय से जेल में रखा गया है और इस आधार पर उसे जमानत दी जाती है।

बता दें कि जज रवि कुमार दिवाकर ने ज्ञानवापी ढाँचे का सर्वे कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद उन्हें कई बार धमकियाँ मिल चुकी हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में शासन को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा बढ़ाने की माँग की थी और मौजूदा सुरक्षा इंतजामों को ‘अपर्याप्त’ करार दिया था। कोर्ट का मानना है कि अदनान खान पर लगे आरोप गंभीर हैं, लेकिन अभियोजन पक्ष द्वारा पर्याप्त सबूत न होने की वजह से जमानत दी जा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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