दिल्ली हाईकोर्ट ने डेटिंग ऐप के जरिए दोस्ती और फिर महिला-पुरुष के बीच बने शारीरिक संबंधों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने झाँसी का देकर महिला से रेप करने के आरोपित को जमानत देते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि दोनों वैवाहिक ऐप पर नहीं, बल्कि डेटिंग ऐप पर मिले थे।
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश विकास महाजन ने यह भी कहा कि रेप का आरोप लगाने वाली महिला और आरोपित पुरुष के बीच आदान-प्रदान किए गए टेक्स्ट मैसेज से पता नहीं चलता है कि आरोपित ने शादी का कोई प्रस्ताव दिया था। इतना ही नहीं, महिला ने भी शादी का कोई प्रस्ताव नहीं रखा। पीड़िता ने यह माना कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध सहमति से बने थे।
अदालत ने कहा, “इसमें कोई विवाद नहीं है कि शिकायतकर्ता (महिला) और याचिकाकर्ता (आरोपित पुरुष) एक डेटिंग ऐप Hinge पर मिले थे, न कि किसी वैवाहिक ऐप पर। उनके बीच कई व्हाट्सएप मैसेजेज का आदान-प्रदान हुआ है। किसी भी मैसेज में याचिकाकर्ता द्वारा शादी का कोई वादा प्रस्ताव नहीं रखा गया है।”
अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने जिरह के दौरान कहा कि याचिकाकर्ता आरोपित ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में झूठ बोला। इसके बावजूद चार दिनों तक उसने उसके साथ बार-बार यौन संबंध बनाए। इतना ही नहीं, याचिकाकर्ता के मोबाइल फोन में मिलीं पीड़िता की अश्लील तस्वीरों और वीडियो के संबंध में पीड़िता ने स्वयं स्वीकार किया है कि यह उसकी सहमति से ली गई थी।
महिला ने यह भी कहा था कि आरोपित ने उससे अपनी उच्च शिक्षा को लेकर झूठ बोला था। इसको लेकर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता आरोपित ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में झूठ बोला था, तब भी शिकायतकर्ता महिला चार दिनों तक एयरबीएनबी में उसके साथ रही और बार-बार उसके साथ यौन संबंध बनाए।
कोर्ट ने कहा कि दोनों बार-बार मिले और शारीरिक संबंध बने। इसमें शादी का झूठा वादा कहाँ से आ गया। वहीं, झूठी डिग्री को लेकर कोर्ट ने कहा कि शारीरिक संबंध बनाते समय उच्च शिक्षित होने का रूतबा मायने नहीं रखती है। कोर्ट ने कहा कि दोनों के बीच जब ह्वाट्सऐप चैट हो रहा था, तब शिकायतकर्ता महिला शिकायतकर्ता को कामुक कहानियाँ और बातें भेजा करती थी।
दरअसल, अदालत एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने जमानत माँगी थी। इस व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (रेप) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में याचिकाकर्ता आरोपित और शिकायतकर्ता महिला हिंज ऐप पर मिले थे और फिर प्यार में पड़ गए।
महिला का आरोप है कि उस दौरान आरोपित ने कहा था कि उसने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग, यूके एवं न्यूजीलैंड से डबल मास्टर्स और लंदन के किंग्स कॉलेज से पीएचडी किया है। बाद में पता चला कि लड़के ने सिर्फ बीएससी किया है। शिकायतकर्ता महिला ने यह भी दावा किया कि उसने आरोपित को उसके इलाज के लिए लगभग 1.20 करोड़ रुपए दिए थे।
हालाँकि, बेंच ने माना कि पीड़िता ने ये पैसे आरोपित से प्यार और लगाव की वजह से दिए थे। इस आधार पर कोर्ट ने आरोपित को 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर आरोपित को नियमित जमानत दे दी। आरोपित 13 मई 2022 से ही जेल में बंद है।