Tuesday, May 7, 2024
Homeदेश-समाजकश्मीर के स्कूली बच्चों में कट्टर सोच भरने की फिराक में आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लामी:...

कश्मीर के स्कूली बच्चों में कट्टर सोच भरने की फिराक में आतंकी संगठन जमात-ए-इस्लामी: खुफिया एजेंसी

आतंकी संगठन स्कूलों पर हमला करके बच्चों के अभिभावकों के दिलों में दहशत भरना चाहते हैं। जिससे कि वो अपने बच्चों को इन स्कूलों से निकाल कर जमात-ए-इस्लामी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हो जाएँ।

जम्मू-कश्मीर में अब आतंकवादी संगठन स्कूली बच्चों को मोहरा बनाने की फिराक में है। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस बारे में सुरक्षाबलों को अलर्ट किया है। खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को सूचित किया है कि आतंकवादी घाटी में स्कूली बच्चों को कट्टरपंथी बनाने के लिए जमात-ए-इस्लामी जैसे प्रतिबंधित संगठनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक आतंकी संगठनों ने कश्मीर में स्कूली बच्चों के जेहन में कट्टर सोच भरने का खाका तैयार किया है। ऐसी रिपोर्ट हैं कि आतंकी संगठन इस खुराफात के लिए प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी को आगे कर रहे हैं। जमात-ए-इस्लामी घाटी में स्कूली बच्चों में कट्टर सोच भरने का जिम्मा सौंपा गया है। 

आतंकवादी संगठन स्कूली बच्चों को कट्टरपंथी बनाने और एक समानांतर स्कूली शिक्षा प्रणाली शुरू करने के लिए इस संगठन के कैडर का उपयोग कर रहे हैं। ऐसी खबरें हैं कि जमात-ए-इस्लामी कश्मीर में स्थानीय स्तर पर एक समानांतर स्कूली शिक्षा प्रणाली स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। इसका उद्देश्य बच्चों में सरकार विरोधी नैरेटिव फैलाना और बच्चों में नफरत भरना है।

आतंकी संगठनों की एक तरफ ये रणनीति है तो दूसरी ओर घाटी में पहले से चल रही स्कूली व्यवस्था को निशाना बनाने की कोशिश भी की जा रही है। हाल ही में आतंकवादियों ने चावलगाम में एक स्कूल की इमारत को जलाने की कोशिश की। वहीं आतंकवादी संगठन और भी सरकारी स्कूलों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।

दरअसल ये आतंकी संगठन स्कूलों पर हमला करके बच्चों के अभिभावकों के दिलों में दहशत भरना चाहते हैं। जिससे कि वो अपने बच्चों को इन स्कूलों से निकाल कर जमात-ए-इस्लामी द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में भेजने के लिए मजबूर हो जाएँ।

उल्लेखनीय है कि केंद्र ने मार्च में जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर पर पाँच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। इसमें कहा गया था कि संगठन उग्रवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संपर्क में था। जमात-ए-इस्लामी को आतंकवाद-रोधी कानूनों के तहत प्रतिबंधित किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य में किसी भी अलगाववादी गतिविधि को बढ़ने से रोकना है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

61.45% मतदान के साथ ख़त्म हुआ लोकसभा चुनाव 2024 का तीसरा चरण: असम में सबसे अधिक वोटिंग, 10 केंद्रीय मंत्रियों और 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों...

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 10 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में थे। इसमें गुजरात की गाँधीनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का नाम प्रमुख है।

18 आतंकी हमले, कश्मीरी पंडितों का खून, सिख शिक्षिका की हत्या… जानिए कौन था कुलगाम में मार गिराया गया ₹10 लाख का इनामी आतंकी...

जम्मू कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ हुए एक एनकाउंटर में आंतकी कमांडर बासित डार समेत दो आतंकियों को मार गिराया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -