झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार (2 फरवरी 2024) को उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। उन्हें पहले हाई कोर्ट जाने को कहा है। सोरेन ने याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा खुद की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
जाँच एजेंसी ने 31 जनवरी 2024 की रात सोरेन को लैंड स्कैम में गिरफ्तार किया था। उससे पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शुक्रवार को ही उनकी जगह चंपई सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर पर शपथ लेने जा रहे हैं।
नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए पूछा कि हाई कोर्ट जाने की बजाए वे सीधे शीर्ष अदालत में क्यों आ गए? जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंद्रेश और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा कि इस तरह यदि एक व्यक्ति को अनुमति दी गई तो सभी लोगों को देनी पड़ेगी।
Supreme Court asks former Jharkhand CM Hemant Soren to approach Jharkhand High Court with his plea against his arrest by ED in land matter. pic.twitter.com/twmmPVAvjN
— ANI (@ANI) February 2, 2024
हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने बेंच के सामने उनके मुख्यमंत्री रहने की दलील दी। इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि अदालत हर किसी के लिए है। यदि इस तरह एक व्यक्ति को रियायत दी गई तो वही रियायत सभी को देनी होगी। इसके बाद बेंच ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें हाई कोर्ट जाने को कहा।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी करीब सात घंटे की लंबी पूछताछ के बाद बुधवार देर रात को हुई थी। इसके अगले दिन ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश कर 10 दिनों की रिमांड माँगी थी। एजेंसी ने पीएमएलए कोर्ट में बताया था कि सोरेन से अभी कई जानकारियाँ नहीं मिल पाई है। लिहाजा पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर लेना जरूरी है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दूसरी ओर हाई कोर्ट ने भी तकनीकी आधार पर सोरेन को राहत देने से इनकार किया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की बात करते हुए हाई कोर्ट से याचिका वापस ले ली थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला सेना की जमीन पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे अवैध कब्जे से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में 2022 में रांची नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद जब मामले की जाँच शुरू हुई तो इसकी आँच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुँची। इस मामले में ईडी छापेमारी की कई कार्रवाई कर चुकी है। साथ ही सोरेन से पहले कई अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।