Friday, May 17, 2024
Homeदेश-समाजअसम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल का अधीक्षक निपेन दास गिरफ्तार: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल यही...

असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल का अधीक्षक निपेन दास गिरफ्तार: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल यही है बंद, सेल में मोबाइल सहित मिले थे कई गैजेट

खालिस्तान समर्थक 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह सहित कई कट्टरपंथी असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। इतने खतरनाक लोगों के जेल में बंद होने के बावजूद उनके सेल से कई स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद हुए थे। इस मामले में शुक्रवार (8 मार्च 2024) को जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार कर लिया गया है।

खालिस्तान समर्थक ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह सहित कई कट्टरपंथी असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। इतने खतरनाक लोगों के जेल में बंद होने के बावजूद उनके सेल से कई स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बरामद हुए थे। इस मामले में शुक्रवार (8 मार्च 2024) को जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डिब्रूगढ़ के सेंट्रल जेल में 17 फरवरी 2024 को अमृतपाल के सेल की जाँच की गई थी। उसके पास से मोबाइल फोन और जासूसी कैमरे सहित कई सामान बरामद किए गए थे। इसे बेहद लापरवाही का मामला माना गया और जाँच के बाद जेल के अधीक्षक निपेन दास को गिरफ्तार कर लिया है। दास की गिरफ्तारी की पुष्टि डिब्रूगढ़ के एसपी वीवीआर रेड्डी ने की है।

खालिस्तान समर्थक कैदियों के कब्जे से एक सिम कार्ड के साथ एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, कीबोर्ड के साथ एक टीवी रिमोट, एक स्पाई कैमरा पेन, पेन-ड्राइव, एक ब्लूटूथ हेडफोन शामिल थे। उस समय असम के डीजीपी जीपी सिंह ने कहा था, “डिब्रूगढ़ जेल में NSA लगाए गए बंदियों को रखा गया है। इस सेल में होने वाली ऐसी अवैध गतिविधियों की जानकारी मिलने पर एनएसए ब्लॉक के परिसर में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।”

बता दें कि अमृतपाल सिंह सहित कई खालिस्तान समर्थक डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। इसमें उनका एक चाचा भी शामिल हैं। उन्हें पिछले साल 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उसे असम के डिब्रूगढ़ की जेल में लाया गया था। वारिस पठान दे संगठन पर कार्रवाई के बाद उसके समर्थकों को पंजाब के विभिन्न हिस्सों से NSA के तहत गिरफ्तार किया गया था।

इन कट्टरपंथियों को पंजाब से असम लाए जाने के बाद जेल में मल्टीलेवल सिक्युरिटी सिस्टम लगाया गया था। अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और ख़राब कैमरों को बदल दिया गया था। डिब्रूगढ़ जेल पूर्वोत्तर की सबसे पुरानी और सबसे हाई सिक्यूरिटी वाली जेलों में से एक है। इसका निर्माण 1859-60 में हुआ था।

गौरतलब है कि अमृतपाल ने गिरफ्तार हुए अपने एक सहयोगी की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस थाने पर समर्थकों के साथ धावा बोल दिया था। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी थी। लगभग 36 दिनों तक फरार रहने के बाद मोगा में अमृतपाल पुलिस के शिकंजे में आया था। वो 18 मार्च से ही अजनाला से फरार चल रहा था। 23 अप्रैल को मोगा में मिला।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘हम अछूत हैं इसलिए…’: स्विट्जरलैंड से आया एक दलित, 91 दिन राहुल गाँधी के साथ रहा, फिर समझ आया कॉन्ग्रेस को किसी के जीने-मरने...

राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का सच एक दलित व्यक्ति ने मीडिया को बताया है। उन्होंने जानकारी दी है कि कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेता कैसा दोहरा व्यवहार करते हैं।

मौलवी अबु बक्र के 2 और साथी गिरफ्तार, एक के पास नेपाल की भी नागरिकता: पाकिस्तानी नंबर का भी इस्तेमाल, टारगेट थे नुपूर शर्मा-राजा...

हिंदू नेताओं की हत्या की साजिश रचने के मामले में गुजरात के सूरत से पकड़े गए मौलवी सोहेल अबू बक्र के दो और साथी पकड़े गए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -