Thursday, November 14, 2024
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इधर TMC को ‘लॉटरी किंग’ ने इलेक्टोरल बॉन्ड से दिया चंदा, उधर ‘फ्यूचर गेमिंग’ के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने 2 केस बंद किए: रिपोर्ट

फ्यूचर गेमिंग ने अक्टूबर 2020 में टीएमसी को सबसे पहले 1 करोड़ रुपए दिए, फिर जुलाई 2021 में 30 करोड़, अक्टूबर 2021 में 46 करोड़ और जनवरी 2022 में 60 करोड़ दिए। कुल 542 करोड़ टीएमसी को दिए गए। इस दौरान कोलकाता पुलिस ने 2 मामलों में केस बंद कर दिया और क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी।

लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन का धंधा कई राज्यों में फैला है, खासकर केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और त्रिपुरा में। उसके खिलाफ कोलकाता में जाँच चल रही थी। कोलकाता पुलिस ने 2 एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन उसने इलेक्टोरल बॉन्ड से सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस को इतना चंदा दे दिया, कि उसके खिलाफ कोलकाता पुलिस ने जाँच ही बंद कर दी और क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। वो भी तब, जब मामले में ईडी भी जाँच शुरू कर चुकी थी और 400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को भी जब्त कर चुकी थी। कोलकाता पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा कि लॉटरी किंग की कंपनी के खिलाफ मामला ‘गड़बड़ी’ से दर्ज हुआ था, उसके खिलाफ तो कोई ढंग का मामला है भी नहीं। ये अलग बात है कि ईडी कोलकाता पुलिस और कोर्ट से ये कहती रही कि लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।

द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता पुलिस ने सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के खिलाफ दो मामलों को बंद कर दिया, वो भी उस समय, जब फ्यूचर गेमिंग ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से टीएमसी को मोटी रकम दी थी। फ्यूचर गेमिंग कंपनी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में लोकप्रिय ‘डियर लॉटरी’ गेम चलाती है। इसी मामलों में धोखाधड़ी के केस में कंपनी के खिलाफ कोलकाता पुलिस जाँच कर रही थी।

एसबीआई की ओर से जब इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डाटा सार्वजनिक किया गया, तो सारे तार आपस में जुड़ गए। इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा के मुताबिक, फ्यूचर गेमिंग ने अक्टूबर 2020 में टीएमसी को सबसे पहले 1 करोड़ रुपए दिए, फिर जुलाई 2021 में 30 करोड़, अक्टूबर 2021 में 46 करोड़ और जनवरी 2022 में 60 करोड़। वहीं, कोलकाता पुलिस ने दिसंबर 2021 और जनवरी 2022 में इस कंपनी के खिलाफ चल रहे मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए केस को बंद कर दिया।

कोलकाता पुलिस में फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ एफआईआर 2019 की थी। इसी एफआईआर के बेस पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच कर रही थी। ईडी ने 28 मई 2021 को ये केस दर्ज किया गया। इस मामले में ईडी ने अप्रैल 2022 को 409.92 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त की थी। लेकिन कोलकाता पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट की वजह से अब उसने इस केस को कोलकाता हाई कोर्ट में चैलेंज किया है और क्लोजर रिपोर्ट को बेस बनाकर कहा है कि ईडी ने गलत तरीके से उसके खिलाफ कार्रवाई की है।

इस बीच, ईडी ने कोर्ट को बताया है कि फ्यूचर गेमिंग कंपनी के खिलाफ उसके पास काफी सबूत हैं और इस केस को आगे बढ़ाने के पर्याप्त कारण हैं। ईडी ने अप्रैल 2022 में लॉटरी विनियमन अधिनियन 1998 की धारा 7(3) और 9 के तहत ये कार्रवाई की है और उसके पास काफी सबूत हैं। ईडी ने बाकायदा प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी थी।

हालाँकि कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं की है, लेकिन ये साफ है कि कलकत्ता हाई कोर्ट में ईडी के सामने कोलकाता पुलिस की वो क्लोजर रिपोर्ट फ्यूचर गेमिंग के काफी काम आने वाली है। मामला साफ है कि इलेक्टोरल बॉन्ड द्वारा उसने पश्चिम बंगाल की सरकार चलाने वाली पार्टी टीएमसी को जो पैसे दिए हैं, वो साफ बता रहे हैं कि ये पैसे क्यों दिए गए और उन पैसों के बदले में उसका क्या काम हुआ। वहीं, टीएमसी ने कहा है कि उसे मालूम नहीं कि किसने पार्टी को चंदा दिया। इस मामले में भाजपा ने टीएमसी पर जोरदार हमला बोला है और कहा है कि टीएमसी ने भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए केंद्रीय जाँच एजेंसियों की कार्रवाई में अडंगा डाला है।

खास बात ये है कि फ्यूचर गेमिंग टीएमसी को अक्टूबर 2020 से जनवरी 2024 तक कुल 542 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से दे चुकी है, जो इस कंपनी द्वारा किसी भी राजनीतिक पार्टी को दिया गया सबसे बड़ा दान है। इस कंपनी ने तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके को दूसरा सबसे बड़ा चंदा दिया है। डीएमके को भी मार्टिन की कंपनी ने 500 करोड़ से अधिक की राशि दी है। इस कंपनी (फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज) ने पिछले 5 वर्षों में चुनावी बांड के माध्यम से ₹1,368 करोड़ का सबसे बड़ा राजनीतिक दान दिया है।

फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ ये दो मामले

फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के खिलाफ पहली एफआईआर जून 2019 में भवानीपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। यह शिकायत कालीघाट के एक व्यक्ति ने दर्ज कराई थी जिसने ‘डियर लॉटरी’ का नियमित खरीदार होने का दावा किया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि ” लॉटरी सिस्टम में करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई।” इस एफआईआर में फ्यूचर गेमिंग पर आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने के लिए कई व्यक्तियों द्वारा किया गया आपराधिक कार्य), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 417 और 419 (धोखाधड़ी), 418 (धोखाधड़ी), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी) और लॉटरी (विनियमन) अधिनियम, 1998 के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अगस्त 2019 में कोलकाता के बेलियाघाटा पुलिस स्टेशन में दायर दूसरी एफआईआर में शिकायतकर्ता ने कहा कि मनचाहे लोगों को लॉटरी जिताई गई। ऑपइंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि किस तरह से लॉटरी के जरिए पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के लोगों को फायदा पहुँचाया गया। सीबीआई ने भी नवंबर 2022 में बताया था कि टीएमसी के नेता अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी सुकन्या ने तीन साल में 5 लॉटरी जीती। इस मामले में अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया था, तो बेटी सुकन्या को अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया।

ये खबर मूल रूप से अंग्रेजी में प्रकाशित की गई है, मूल रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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