पीलीभीत में 13 अप्रैल को एक 16 साल की लड़की शीरीं का शव मिला था। माता-पिता नेपाल में ईंट-भट्टे पर काम करते थे, दादा-दादी घर पर रहते थे। सुबह शव मिला, तो सामान्य मौत मान कर घर वालों और गाँव वालों ने दफना दिया। माँ-बाप के आने से पहले ही शीरीं के शव को दफना दिया गया था, वो उसका चेहरा भी आखिरी बार नहीं देख पाए थे। इस मामले में स्थानीय थाने की चौकी पर तैनात रहे एक हिंदू सिपाही पर उँगली उठी और शीरीं के ही गाँव की एक लड़की, जो सिपाही की गर्लफ्रेंड थी। लेकिन अब मामला बदल चुका है, क्योंकि असली हत्यारे का चेहरे सामने आ चुका है। इस केस में शीरीं का प्रेमी साहिम ही हत्यारा निकला है। हम बताते हैं सिलसिलेवार तरीके से, कि आखिर इस मामले में क्या कुछ हुआ…
मोबाइल में मिली तस्वीर से उलझा मौत का राज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीलीभीत के जहानाबाद थाना क्षेत्र का ये मामला बेहद चौंकाने वाला निकला है। यहाँ की शीरीं की हत्या के 23 दिन बीत जाने के बाद शीरीं की माँ ने उसके टूट चुके मोबाइल को रिपेयर कराया। चूँकि अब तक शीरीं की मौत को सभी सामान्य मान रहे थे, लेकिन माँ ने जब फोन ठीक कराया, तो गैलरी में मिली उसे एक सिपाही और गाँव की ही लड़की के आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीर… इन वीडियो और तस्वीरों में यूपी पुलिस का सिपाही राजकुमार था, जो स्थानीय थाने में कभी तैनात रहता था। उस तस्वीर के आधार पर माँ-बाप पहुँचे एसपी के पास और फिर मामला दर्ज कराया।
पहले सिपाही पर गया सभी का शक
एसपी के आदेश के बाद शीरीं को दफनाने के 23 दिन बाद 7 अप्रैल शीरीं का शव कब्र से निकाला गया। पोस्टमार्टम हुआ, तो पता चला कि शीरीं की हत्या की गई थी। माता-पिता ने शीरीं के फोन में मिली तस्वीर के आधार पर सिपाही राजकुमार, अपने ही गाँव की सिपाही की प्रेमिका, एक लड़के साहिम और एक अन्य के खिलाफ एफआईआर लिखवा दी। खूब हो हल्ला-मचा और फिर पुलिस पर आरोप लगाए गए कि वो सिपाही को बचा रही है। लेकिन जाँच के बाद मामला खुल गया।
…फिर साहिम ने बताया, कैसे दिया हत्याकांड को अंजाम
शीरीं हत्याकांड में नामजद साहिम के साथ लड़की की खूब बातचीत होती थी। सिपाही राजकुमार के पास शीरीं की गाँव की दो लड़कियाँ शीरीं के फोन से ही बात करती थी। ऐसे में साहिम से पूछताछ हुआ, तो वो मामले को घुमाने लगा। लेकिन अंत में वो टूट गया। उसने जो खुलासा किया, वो हैरान करने वाला था।
दरअसल, साहिम और शीरीं की प्रेम कहानी 4 साल से चल रही थी। दोनों के बीच संबंध भी थे। उस रात शीरीं ने साहिम को अपने पास अपने घर में बुलाया था, लेकिन वो तय समय से पहले ही उसके घर पहुँच गया। इस दौरान साहिम ने देखा कि दो लड़के शीरीं के कमरे से निकल रहे हैं, जिसके बारे में उसने शीरीं से सवाल जवाब किए। अपने सवालों के संतोषजनक जवाब न पाकर वो गुस्से में पागल हो गया और शीरीं का गला दबा दिया। उसने एक हाथ से शीरीं का गला दबाया और दूसरे हाथ से उसका मुँह।
शीरीं की साँसे रुक गई, तो साहिम उसे बिस्तर पर ही लिटाकर भाग निकला। दूसरे दिन से वो बाकी गाँव वालों की तरह ही मामले से अंजान बना रहा। जब शीरीं के शव का पोस्टमार्टम हुआ, और हत्या की वजह गला दबाकर मारने की निकली, तब भी वो अंजान बनता रहा और खुद को बेकसूर बताता रहा। चूँकि शीरीं के फोन से राजकुमार नाम के सिपाही की तस्वीर निकली थी, इसलिए सारा ठीकरा उसके ही सर फोड़ता रहा, लेकिन पुलिस ने सख्ती की तो वो टूट गया और सच सामने आ गया। अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।