Monday, December 23, 2024
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एक ने परीक्षा से पहले ही सॉल्व कर लिए सवाल, दूसरी परीक्षा देने ही नहीं गई… फिर भी कॉन्ग्रेस राज में बन गईं लेक्चरर: RPSC पेपर लीक में चार्जशीट से चौंकाने वाले खुलासे

इससे पहले ग्रेड सेकेंड टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में ईडी ने कोर्ट में तीन आरोपियों के खिलाफ जयपुर कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि ग्रेड सेकेंड टीचर भर्ती के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर भी लीक हुए थे। इन आरोपितों में राजस्थान लोक सेवा आयोग से निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा ने प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक किए थे।

कॉन्ग्रेस के शासनकाल में राजस्थान में पुलिस से लेकर हिंदी लेक्चरर की हुई भर्ती परीक्षा में पेपरलीक से लेकर तमाम अनियमितताएँ सामने आई हैं। सब इंस्पेक्टर भर्ती, सीएचओ भर्ती, लाइब्रेरियन भर्ती और वरिष्ठ अध्यापक भर्ती सहित कई परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की लेक्चरर भर्ती परीक्षा 2022 में भी पेपर लीक और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है।

इस परीक्षा में फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी लेने और डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास करने का खुलासा हुआ है। करीब तीन महीने पहले अजमेर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने दो युवतियों- ब्रह्मा कुमारी और कमला को गिरफ्तार किया था। इस मामले में जाँच करने वाले एसओजी ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की है। चार्जशीट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

चार्जशीट से पता चला है कि फर्जी डॉक्यूमेंट पेश करने वाली युवती ब्राह्मा कुमारी ने परीक्षा से पहले ही सॉल्व पेपर हासिल कर लिया था। उसने गंगरार (चित्तौड़गढ़) की मेवाड़ यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने की कोशिश थी। सांचौर निवासी ब्रह्मा कुमारी ने सुरेश बिश्नोई और ओमप्रकाश मांजू के साथ मिलकर परीक्षा से पहले ही पेपर सॉल्व कर लिया था।

इस परीक्षा में ब्रह्मा कुमारी और कमला का चयन भी हो गया और वे मेरिट में आ गईं। इसके बाद RPSC ने दोनों के दस्तावेज चेक किए तो उसमें गड़बड़ी मिली। आवेदन के समय किसी अन्य विश्वविद्यालय से डिग्री हासिल करना बताया था, जबकि चयन होने के बाद किसी दूसरे विश्वविद्यालय की डिग्री पेश की थी। इसके बाद RPSC ने इस मामले में सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज करा दी।

इसकी जाँच एसओजी को सौंपी गई थी। जाँच में एसओजी को पता चला कि आरोपित युवती कमला ने खुद लिखित परीक्षा नहीं दी थी। इसके लिए उसने अपने स्थान पर उर्मिला पत्नी पूनमा राम नाम की एक युवती को डमी कैंडिडेट के रूप में इस्तेमाल किया था। उर्मिला खुद एक शिक्षिका है। डमी कैंडिटे के रूप में बैठने के लिए उर्मिला ने कमला से 10 लाख रुपए लिए थे।

एसओजी की जाँच में यह भी पता चला कि दोनों आरोपितों को फर्जी डिग्री उनके भाइयों ने उपलब्ध कराए थे। इनमें से एक आरोपित का भाई शिक्षक है, जबकि दूसरे का भाई डॉक्टर है। जाँच में स्थिति स्पष्ट होने के बाद एसओजी ने आरोपित ब्रह्मा कुमारी और कमला को गिरफ्तार कर लिया था। इसके साथ ही उनके दोनों भाइयों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।

कमला के मौसेरे भाई दलपत फर्जी डिग्री का इंतजाम किया था। ब्रह्मा कुमारी का भाई सुरेश कुमार जोधपुर के मथुरादास माथुर हॉस्पिटल में डॉक्टर है। फर्जी डिग्री के लिए दलपत ने सुरेश कुमार से और सुरेश ने भीनमाल निवासी परिचित महेंद्र सिंह बिश्नोई से संपर्क किया। महेन्द्र ने अपने मित्र अशोक चोटिया से बात की। सुरेश ने पीजी हॉस्टल स्थित कमरे में बैठकर फर्जी डिग्री बनाने की साजिश रची थी।

इसके बाद अशोक चोटिया ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी से सत्र 2017-19 की डिग्री के बदले 70-70 हजार रुपए में सौदा तय किया। अब एसओजी परीक्षा से पहले पेपर लीक कर अभ्यर्थी को सॉल्व कराने वाले सांचौर के मांजू और दूसरी अभ्यर्थी कमला की जगह परीक्षा देने वाली टीचर उर्मिला और परीक्षा नियंत्रक सुशील शर्मा सहित इस गिरोह में शामिल कई लोगों की तलाश कर रही है।

ग्रेड सेकेंड टीचर भर्ती में दाखिल हो चुकी है चार्जशीट

इससे पहले ग्रेड सेकेंड टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में ईडी ने कोर्ट में तीन आरोपियों के खिलाफ जयपुर कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि ग्रेड सेकेंड टीचर भर्ती के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर भी लीक हुए थे। इन आरोपितों में राजस्थान लोक सेवा आयोग से निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा ने प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक किए थे।

उसने ग्रेड सेकेंड परीक्षा के पेपर की सौदेबाजी अपने भतीजे विजय डामोर के जरिए की थी। एक करोड़ रुपए में आरपीएससी का पेपर लीक कर गिरोह के सरगना शेर सिंह मीणा उर्फ अनिल मीणा को बेचा था।बाद में सरगना अनिल मीणा ने गिरोह के साथी सरगना भूपेंद्र सारण को को पेपर बेचा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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