Sunday, December 22, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया उपनिदेशक डाल रही हिंदुओं के नरसंहार पर पर्दा, बांग्लादेश...

ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया उपनिदेशक डाल रही हिंदुओं के नरसंहार पर पर्दा, बांग्लादेश में इस्लामी क्रूरता को बताया राजनीतिक मामला

अगर मीनाक्षी गांगुली के तर्क को मान भी लिया जाए तो क्या मीनाक्षी गांगुली, ह्यूमन राइट्स वॉच, NYT और अन्य इस्लामिस्ट चीयरलीडर्स यह बताने में कोई आपत्ति करेंगे कि मृतक के निजी अंग की जाँच करना किसी की राजनीतिक संबद्धता कैसे निर्धारित करता है? इस तरह घटनाएँ राजनीतिक कारणों से नहीं, बल्कि धार्मिक नफरत के कारण से ही हो सकती हैं।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी है, लेकिन लोगों का एक वर्ग हिंदू विरोधी नरसंहार को कमतर आँकने की कोशिश कर रहा है और इसे राजनीति से प्रेरित हिंसा बता रहा है। ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) की डिप्टी एशिया डायरेक्टर मीनाक्षी गांगुली ने कहा कि इस्लामवादियों द्वारा बांग्लादेश में की जा रही हिंसा राजनीतिक कारणों से हो रही है, ना कि हिंदुओं के खिलाफ नफरत की वजह से।

मीनाक्षी गांगुली ने बुधवार (7 अगस्त) को सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “बांग्लादेश में संगीतकार राहुल आनंदा के घर को हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की एक भयावह श्रृंखला में जला दिया गया, क्योंकि वे शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी का समर्थन करते थे। अधिकारियों को कानून का शासन सुनिश्चित करना चाहिए और अपराधियों की पहचान करके उन पर मुकदमा चलाना चाहिए।”

जैसा कि पहले बताया गया था कि 5 अगस्त की दोपहर को गायक और बैंड जोलर गान के फ्रंटमैन राहुल आनंदा के घर एक इस्लामी भीड़ पहुँची और उन पर हमला किया। वह एक किराए के घर में रह रहे थे। जब हमला हुआ, तब राहुल अपनी पत्नी शुक्ला, बेटा तोता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ थे। अपने परिवार के साथ वहाँ से भागने में सफल रहे और एक अज्ञात स्थान पर शरण ली।

जिस घर में राहुल आनंदा रहते थे, वह 140 साल पुराना था। यह घर जलकर अब राख हो गया है और उसमें मौजूद सारी यादें और इतिहास भी जलकर राख हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि साल 2019 में मीनाक्षी गांगुली ने दावा किया था कि कश्मीरी हिंदुओं को 1990 में संभवतः भारत सरकार द्वारा घाटी छोड़ने के लिए ‘कहा’ गया था।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह भी है कि गांगुली अकेली नहीं हैं, जो ये भयावह कहानी फैला रही हैं कि हिंदुओं, उनके मंदिरों और संपत्तियों पर इस्लामवादियों द्वारा हिंदुओं से नफरत के कारण हमला नहीं, बल्कि शेख हसीना की अवामी लीग के समर्थन का बदला लेने के लिए हमला किया जा रहा है। अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी यही किया था।

हालाँकि, पाठकों से कड़ी प्रतिक्रिया मिलने के बाद अखबार ने प्रकाशित समाचार रिपोर्टों में से एक का शीर्षक बदल दिया। पहले, शीर्षक था ‘प्रधानमंत्री के हटने के बाद बांग्लादेश में बदला लेने के लिए हिंदुओं पर हमले’। सोशल मीडिया पर भारी आलोचना के बाद इसका शीर्षक बदल दिया गया है, लेकिन विषयवस्तु वही रही।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वे शेख हसीना की राजनीतिक पार्टी आवामी लीग का समर्थन करते हैं, ना कि सांप्रदायिक कारणों से उन पर हमला किया जा रहा है। हालाँकि, शेख हसीना की पार्टी का समर्थन करने के कारण भी हिंदुओं की हत्या करना, उनके घरों और मंदिरों को तोड़ना उचित नहीं है।

अगर मीनाक्षी गांगुली के तर्क को मान भी लिया जाए तो क्या मीनाक्षी गांगुली, ह्यूमन राइट्स वॉच, NYT और अन्य इस्लामिस्ट चीयरलीडर्स यह बताने में कोई आपत्ति करेंगे कि मृतक के निजी अंग की जाँच करना किसी की राजनीतिक संबद्धता कैसे निर्धारित करता है? इस तरह घटनाएँ राजनीतिक कारणों से नहीं, बल्कि धार्मिक नफरत के कारण से ही हो सकती हैं।

ऐसी एक घटना में इस्लामिस्टों ने जमीन पर पड़े एक मृत शव को घेर लिया। वहाँ कई लोग मृतक के चारों ओर जमा थे। एक इस्लामिस्ट ने छड़ी की सहायता से मृतक को नंगा कर दिया और उसके निजी अंग की जाँच की कि उसका खतना हुआ है या नहीं। जब इस्लामिस्टों ने देखा कि खतना नहीं हुआ तो उनकी खुशी की सीमा नहीं ही और वे ‘हिंदू, हिंदू’ चिल्लाने लगे।

यह घोर निंदनीय है कि तथाकथित मानवाधिकार रक्षक सांप्रदायिक रूप से प्रेरित हिंदू विरोधी हिंसा को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी उनके इस्लामवादी आकाओं की आलोचना या सवाल न कर सके। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, हत्या, मंदिरों एवं घरों में तोड़फोड़, महिलाओं से बलात्कार की अनगिनत घटनाएँ सामने आ चुकी हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

8 दिन पीछा कर पुलिस ने चोर अब्दुल और सादिक को पकड़ा, कोर्ट ने 15 दिन बाद दे दी जमानत: बाहर आने के बाद...

सादिक और अब्दुल्ला बचपने के साथी थी और एक साथ कई घरों में चोरियों की घटना को अंजाम दे चुके थे। दोनों को मिला कर लगभग 1 दर्जन केस दर्ज हैं।

बाल उखाड़े, चाकू घोंपा, कपड़े फाड़ सड़क पर घुमाया: बंगाल में मुस्लिम भीड़ ने TMC की महिला कार्यकर्ता को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, पीड़िता ने...

बंगाल में टीएमसी महिला वर्कर की हथियारबंद मुस्लिम भीड़ ने घर में घुस कर पिटाई की। इस दौरान उनकी दुकान लूटी गई और मकान में भी तोड़फोड़ हुई।
- विज्ञापन -