Friday, September 20, 2024
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नीतीश कुमार, शरद पवार, महबूबा मुफ्ती… सब ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के समर्थन में, कोविंद कमिटी की रिपोर्ट पर मोदी सरकार की मुहर: शीतकालीन सत्र में बिल की संभावना

एक देश एक चुनाव को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में हुई एक सर्वदलीय बैठक में 19 दलो शामिल हुए थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसमें 16 दल एक देश एक चुनाव के पक्ष में थे जबकि 3 दल इसके विरोध में थे। समर्थन करने वालों में PDP, NCP और BRS भी शामिल थे। वहीं AIMIM, RSP और CPM ने इसका विरोध किया था।

मोदी कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव (ONOE) को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वाली समितियों की सिफारिशें मान ली हैं। देश में एक साथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव करवाने की तरफ बढ़ाए गए इस कदम को लेकर अब शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जाएगा।

नई दिल्ली में बुधवार (18 सितम्बर, 2024) को हुई कैबिनेट बैठक में रिपोर्ट के आधार पर एक देश एक चुनाव को मंजूरी दी गई। कैबिनेट के इस फैसले को लेकर केन्द्रीय रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार दो चरण में एक देश एक चुनाव को लागू करना चाहती है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहले चरण में देश में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ करवाए जाएँगे। इसके बाद दूसरे चरण में पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ सम्पन्न करवाए जाएँगे। वैष्णव ने कहा, “कमिटी ने एक देश एक चुनाव पर बनाई गई कमिटी की संस्तुतियों को स्वीकार कर लिया है।”

उन्होंने आगे कहा, “1951 से 1967 के बीच एकसाथ चुनाव होते थे। 1999 में विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ हों, इससे विकास होता रहे और खर्च कम हो तथा साथ ही जो पुलिस और कानून व्यवस्था की सस्म्या होती है वह नहीं हो।”

उन्होंने आगे बताया, “इसको लेकर संसदीय समिति ने भी दो चरण में चुनाव करवाने की संस्तुति दी थी, इसीलिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई गई थी। उसने अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों और नेताओं से भी बातचीत की। कमिटी के सामने अधिकांश देशों ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया है।”

एक देश एक चुनाव को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में हुई एक सर्वदलीय बैठक में 19 दलो शामिल हुए थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि इसमें 16 दल एक देश एक चुनाव के पक्ष में थे जबकि 3 दल इसके विरोध में थे। समर्थन करने वालों में PDP, NCP और BRS भी शामिल थे। वहीं AIMIM, RSP और CPM ने इसका विरोध किया था।

एक देश एक चुनाव को लेकर सरकार ने कहा कि वह एक समान वोटर लिस्ट बनाएगी। सरकार का कहना है कि वह लोकतंत्र में एक साथ मिलकर इस बड़े निर्णय को लागू करना चाहती है जिससे देश की प्रगति जारी रहे। सरकार ने यह भी कहा कि वह आगे इस संबंध में आम सहमति बनाने का प्रयास करेगी।

कॉन्ग्रेस, आम आमदी पार्टी समेत कई दलों ने कैबिनेट के इस प्रस्ताव का विरोध किया है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह इसे नहीं मानते हैं और लोकतंत्र में यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को चलाने के लिए जब चाहिए तब चुनाव करवाना पड़ेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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