हाल ही में कॉन्ग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक ट्वीट में दावा किया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र के ठाणे में गुरु पूरब के दिन (15 नवंबर 2024) गुरुद्वारे में चुनाव प्रचार करने की कोशिश की, जिसके चलते उन्हें और भाजपा के सदस्यों को गुरुद्वारे से बाहर कर दिया गया। उनके ट्वीट ने सोशल मीडिया पर तेजी से तूल पकड़ा और इसे लेकर कई तरह की चर्चाएँ शुरू हो गईं। सुप्रिया ने लिखा कि “गुरुद्वारे में सब एक समान हैं और भावनाओं की इज्जत की जानी चाहिए,” इस बात को आधार बनाकर उन्होंने नड्डा और भाजपा पर निशाना साधा।
BJP अध्यक्ष नड्डा महाराष्ट्र के थाणे में आज गुरु पूरब के दिन गुरुद्वारा में मत्था टेकने के बहाने चुनाव प्रचार करने पहुँचे
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) November 15, 2024
संगत ने नड्डा समेत BJP चुनाव चिह्न के गमछे पहने हुए सबको बाहर कर दिया
गुरुद्वारे में सब एक समान, भावनाओं की इज़्ज़त करनी चाहिए
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हालाँकि, इस दावे को लेकर गुरुद्वारा श्री दशमेश दरबार, ठाणे की ओर से अध्यक्ष गुरमुख सिंह स्यान का एक स्पष्ट बयान सामने आया है। बयान के मुताबिक, जेपी नड्डा जी गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन करने आए थे और पूरी श्रद्धा के साथ मत्था टेका। गुरुद्वारा प्रबंधन ने उन्हें अंदर रुकने का अनुरोध भी किया। बयान में कहा गया कि नड्डा ने अन्य भक्तों की तरह पूरे सम्मान और श्रद्धा से गुरुद्वारे में अपने दर्शन किए और कोई चुनाव प्रचार नहीं किया।
गुरमुख सिंह स्यान ने कहा, “गुरुद्वारे की मर्यादा का पालन करते हुए नड्डा जी ने सभी नियमों का पालन किया। कुछ मीडियाकर्मी और पत्रकारों ने इस घटना को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और झूठी अफवाहें फैलाईं।” बयान में स्पष्ट किया गया कि नड्डा जी ने केवल श्रद्धा में हिस्सा लिया था और चुनाव प्रचार का कोई इरादा नहीं था।
गुरुद्वारा कमेटी ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वाले पत्रकारों की खबरें पूरी तरह से निराधार हैं। इसके अलावा, उन्होंने भक्तों से अपील की कि वे ऐसी झूठी बातों पर ध्यान न दें।
निष्कर्ष: कॉन्ग्रेस द्वारा लगाया गया दावा झूठा और भ्रामक है। गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर से जारी बयान ने स्पष्ट कर दिया कि नड्डा जी का दौरा पूरी तरह से श्रद्धा पर आधारित था और चुनाव प्रचार का इससे कोई लेना-देना नहीं था।