मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना मेरठ के कांकरखेड़ा थानाक्षेत्र की है। STF के पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि STF को काफी पहले से पंजाब से अवैध हथियारों की तस्करी के इनपुट मिल रहे थे। यह तस्करी पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में की जाती थी। इसी इनपुट पर STF की टीमें लम्बे समय से तस्करों की तलाश में जुटी थी।
शनिवार की आधी रात STF को एक स्कार्पिओ वाहन में तस्करों के मूवमेंट की सूचना मिली। इस इनपुट पर पुलिस ने घेराबंदी की। सूचना सही पाई गई और वाहन की घेराबंदी कर के एक युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। इसी वाहन में सवार 4 अन्य लोग फरार होने में कामयाब रहे। स्कार्पिओ की तलाशी ली गई तो उसमें 17 बंदूकें और 700 कारतूस मिले। पुलिस ने गाड़ी और हथियारों को जब्त कर लिया।
पूछताछ में पकड़े गए युवक ने अपना नाम रोहन बताया। रोहन बागपत के थानाक्षेत्र बड़ौत का निवासी है। उसके पिता का नाम राकेश सिंह है जो इस समय मथुरा में बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात हैं। पूछताछ में रोहन ने अपने द्वारा गिरोह बना कर अवैध हथियारों की तस्करी करना स्वीकार किया। उसने यह भी माना कि वो AK 47 तक की तस्करी कर चुका है। यह AK 47 रोहन के साथ अनिल बालियान से शामली पुलिस ने बरामद की थी। ये हथियार उसे पंजाब से मिलते थे। इन हथियारों को रोहन पूरे UP सहित दिल्ली और बिहार में भी सप्लाई करता था।
#मेरठ
— Knews (@Knewsindia) November 24, 2024
♦मेरठ STF यूनिट ने पकड़ा हथियार तस्कर
♦आरोपी का नाम रोहन निवासी बागपत बताया गया
♦पंजाब से हथियारों की बड़ी खेप लाकर कर रहा था सप्लाई
♦दिल्ली, बिहार, आसपास के राज्यों में करता था सप्लाई
♦कब्जे से 17 बंदूकें, 700 कारतूस किए गए बरामद
♦पंजाब से हथियारों की खेप लेकर… pic.twitter.com/kKcB4GOv0M
रोहन के पास से बरामद बंदूकों में सिंगल बैरल की 5 और 12 दोनाली बंदूकें बरामद हुई हैं। इसी के साथ 12 बोर के 700 कारतूस भी मिले हैं। ये बंदूकें उसने अमृतसर जिले के अटारी रोड स्थित मराठा गन हाउस से खरीदी थीं। गन हाउस का मालिक रोहन के गिरोह को फर्जी रसीदें काट कर 40 से 50 हजार रुपए प्रति बंदूक के हिसाब से बेचा करता था। यह बंदूकें रोहन आगे 80 हजार से 1 लाख रुपए के बीच बेचता था। फर्जी रसीदें अनिल बालियान नाम का व्यक्ति अपने पास रखता था।
अब तक हुई जाँच में पता चला है कि रोहन के गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। रोहन का गिरोह मेरठ के शारिक व रिजवान गैंग का भी करीबी माना जाता है। इन दोनों गिरोहों में हथियारों की खरीद-फरोख्त पहले भी हो चुकी है। हथियारों के खरीदारों में बागपत के दीपक भूरा, विपिन और पिंटू दाढी आदि के नाम प्रकाश में आए हैं। गिरफ्तारी के दौरान भी बरामद हुए हथियारों को रोहन किसी को बेचने जा रहा था।
पकड़ा गया रोहन पोस्ट ग्रेजुएट है। उसने लम्बे समय तक अपने पिता की तरह सब इंस्पेक्टर की नौकरी के लिए प्रयास किया। असफल रहने पर वह ठेकेदारी करने लगा। तब उसकी मुलाकत अनिल बालियान उर्फ़ पंजी से हुई। अनिल ने ही रोहन को पैसों का लालच दे कर हथियारों की तस्करी सिखाई। काम में एक्सपर्ट हो जाने के बाद रोहन को ग्राहकों को खोजने और उनसे डील फाइनल करने का टास्क मिला था। फ़िलहाल STF इस गिरोह के फरार चल रहे अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है।