महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस के बेमेल गठबंधन की खिचड़ी पक रही है। बेमेल इसीलिए, क्योंकि शिवसेना की हिंदुत्ववादी विचारधारा का कॉन्ग्रेस और एनसीपी अब तक विरोध करती आई है। वहीं शिवसेना की भी अब तक की पूरी राजनीति कॉन्ग्रेस और फिर एनसीपी के विरोध पर भी केंद्रित रही है। ऐसे में गठबंधन से पहले एनसीपी यह पूरी तरह सुनिश्चित करना चाहती है कि शिवसेना अपनी हिंदुत्व वाले रुख में नरमी लाए और वीर सावरकर के समर्थन में कोई बयान न दे। इसीलिए एनसीपी ने ‘कॉमन मिनिमम प्रोग्राम’ का एजेंडा तय किया है। इसपर कॉन्ग्रेस की हामी आनी बाकी है।
उधर नए संसद सत्र में भी शिवसेना अब विपक्ष वाली पंक्ति में बैठेगी। अब तक राजग में सत्तापक्ष का हिस्स्सा रही शिवसेना के एकलौते केंद्रीय मंत्री रहे अरविन्द सावंत मोदी कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे चुके हैं। वहीं कॉन्ग्रेस के सूत्रों ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया है कि शिवसेना का हिंदुत्व उतना ख़तरनाक नहीं है और वो ठीक-ठाक हिंदुत्व है। साथ ही कॉन्ग्रेस ने यह भी कहा है कि शिवसेना की हिंदुत्व वाली विचारधारा संभावित गठबंधन सरकार की राह में रोड़े नहीं अटकाएगी। कॉन्ग्रेस ने साफ़ कर दिया है कि ये सरकार साझा एजेंडे पर चलेगी न कि विचारधारा पर।
कॉन्ग्रेस का मानना है कि जब से ‘युवा सेना’ के सुप्रीमो आदित्य ठाकरे की पार्टी में सक्रियता बढ़ी है, तभी से शिवसेना की विचारधारा में बदलाव आने शुरू हो गए थे। उधर राज्यपाल के साथ होने वाली कॉन्ग्रेस, शिवसेना और एनसीपी नेताओं की बैठक रद्द हो गई है। पहले कहा जा रहा था कि राज्यापाल ने मिलने के लिए अपॉइंटमेंट नहीं दिया था, इसीलिए ये मुलाक़ात नहीं हो सकी। अब कहा जा रहा है कई तीनों दलों के कई नेताओं की उपलब्धता न होने के कारण ये मुलाक़ात संभव नहीं हो सकी। नेताओं का कहना था कि ये मुलाक़ात सरकार गठन के लिए नहीं होने वाले थी। वो लोग किसानों के मुद्दे को लेकर राज्यापाल से मिलने वाले थे।
The meeting of the delegation of the three parties — NCP, Congress and Shiv Sena with the #Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari has been postponed till further notice.#DCNation https://t.co/UNtCUW1b9t
— Deccan Chronicle (@DeccanChronicle) November 16, 2019
संजय राउत ने अति-आत्मविश्वास का प्रदर्शन करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार न सिर्फ़ अगले 5 साल, बल्कि 50 सालों तक चलेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अगर इन तीनों दलों की सरकार बन भी जाती है तो वो 6 महीने से ज्यादा नहीं चल पाएगी। उनके इस बयान की आलोचना करते हुए शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने लिखा कि इस गठबंधन से कई लोगों को पेट-दर्द की शिकायत हो रही है।