महाराष्ट्र में एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ सरकार बनाने की शिवसेना की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। सोनिया गॉंधी के साथ बैठक से पहले शरद पवार ने कहा है कि शिवसेना को भाजपा के साथ अपना रास्ता
तय करना है।
उन्होंने कहा, “बीजेपी-शिवसेना ने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा था। फिर कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना का गठबंधन कैसे हो सकता है। हमने कॉन्ग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, इसलिए आज बैठक करने जा रहे हैं। शिवसेना और भाजपा अलग हैं। हम और कॉन्ग्रेस अलग हैं। उनको उनका रास्ता तय करना है और हम अपनी राजनीति कर रहे हैं।”
Sharad Pawar, Nationalist Congress Party (NCP): BJP-Shiv Sena fought together, we (NCP) and Congress fought together. They have to choose their path and we will do our politics. #Maharashtra pic.twitter.com/8RmvFVVnPw
— ANI (@ANI) November 18, 2019
जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि शिवसेना तो कह रही है कि पवार साहब के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं, तो शरद पवार ने सिर्फ ‘अच्छा’ कह आगे बढ़ गए। पवार के इस बयान ने महाराष्ट्र में सरकार गठन पर सस्पेंस और बढ़ा दिया है। इससे पहले खबर आ रही थी कि शिवसेना को समर्थन देने पर कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गॉंधी असमंजस में हैं।
#Breaking | No end to ‘MAHA’ confusion, now NCP Chief @PawarSpeaks takes a U-turn.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 18, 2019
‘@BJP4India & @ShivSena contested against us, how can Congress, NCP & Sena tie-up’, says Sharad Pawar.
More details by TIMES NOW’s Samia & Kajal. | #MAHAStalemate pic.twitter.com/1tNk012MQQ
कॉन्ग्रेस और एनसीपी के नेताओं की ओर से बताया गया था कि सोमवार को शाम 4 बजे पवार और सोनिया गॉंधी की बैठक में सरकार बनाने को लेकर आखिरी फैसला होगा। कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि कॉन्ग्रेस शिवसेना के साथ सरकार गठन के लिए आगे बढ़ेगी या नहीं। इससे पहले रविवार को एनसीपी की एक बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि एनसीपी चाहती है कि राज्य में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन खत्म हो। लेकिन, सरकार गठन को लेकर आखिरी फैसला सोनिया गॉंधी और शरद पवार के बीच होने वाली बैठक के बाद ही होगा।
राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदलने के कयास भाजपा की सहयोगी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के एक बयान से भी लगने शुरू हो गए थे। अठावले ने रविवार को कहा था, “मैंने अमित भाई (भाजपा अध्यक्ष अमित शाह) से कहा कि अगर वह मध्यस्थता करते हैं तो एक रास्ता निकाला जा सकता है, जिस पर उन्होंने (अमित शाह) जवाब दिया कि चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा। भाजपा और शिवसेना मिलकर सरकार बनाएँगे।” इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी संकेतों में इशारा किया था कि भाजपा अब भी राज्य में सरकार बना सकती है। महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी कहा था कि पार्टी के पास 119 विधायकों का समर्थन है।
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