Saturday, November 23, 2024
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मौलाना साद को सोशल मीडिया पर लिखा आतंकी, महाराष्ट्र की पुलिस ने डॉक्टर को लिया हिरासत में

औरंगाबाद की पुलिस ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से एक आपत्तिजनक मैसेज पोस्ट करने के लिए एक डॉक्टर के खिलाफ गैर-संज्ञेय (non-cognizable) अपराध दर्ज किया है। ऑपइंडिया डॉक्टर की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए जान-बूझकर नाम और अन्य विवरण प्रकाशित नहीं कर रहा है।

कोरोना वायरस कहर के बीच महाराष्ट्र से एक खबर आई है। खबर है महाराष्ट्र में एक डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की। कारण यह कि डॉक्टर ने कथित तौर पर तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद को एक आतंकवादी करार दिया था।

जानकारी के मुताबिक यह घटना औरंगाबाद की है। यहाँ की सिटी पुलिस ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से एक आपत्तिजनक मैसेज पोस्ट करने के लिए एक डॉक्टर के खिलाफ गैर-संज्ञेय (non-cognizable) अपराध दर्ज किया है। पुलिस ने डॉक्टर की पहचान और अन्य जानकारी शेयर की है, मगर ऑपइंडिया डॉक्टर की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए जान-बूझकर डॉक्टर के नाम और अन्य विवरण प्रकाशित नहीं कर रहा है।

डॉक्टर के खिलाफ औरंगाबाद के पुंडलिक नगर पुलिस स्टेशन में 5 अप्रैल को गैर-संज्ञेय क्राइम दर्ज किया गया था। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पुलिस उप-निरीक्षक प्रभाकर सोनवणे ने इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (बी) (सी) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुंडलिक नगर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक जीबी सोनवणे ने कहा, “पुलिस द्वारा डॉक्टर के खिलाफ प्रीवेंटिव एक्शन के रूप में मुकदमा दर्ज किया गया। उन्हें कानून के मुताबिक हिरासत में ले लिया गया और नोटिस जारी किया गया।” इसके साथ ही पुलिस ने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सामग्री पोस्ट करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

सोशल मीडिया पर इस खबर को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया महाराष्ट्र सरकार और पुलिस से अलग रही। लोगों का कहना है कि किसी को आतंकी कह देने भर से पुलिस उसे हिरासत में कैसे ले सकती है। और अगर ऐसा किया गया है तो क्या महाराष्ट्र की पुलिस उन सब को हिरासत में लेगी, जो आए दिन प्रधानमंत्री को आतंकवादी और हत्यारा कहती फिरती है।

बता दें कि मौलाना साद दिल्ली पुलिस द्वारा मोस्ट वांटेड है। उस पर महामारी रोग अधिनियम 1897 और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है। साद ने कथित तौर पर कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया था। मार्च में दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में आयोजित एक मजहबी सभा में भाग लेने वाले तबलीगी जमात के सैकड़ों सदस्यों को कोरोनो वायरस पॉजिटिव पाया गया है। निजामुद्दीन मरकज में हुए मजहबी कार्यक्रम के बाद से कोरोना के मामले में अचानक से बढ़ोतरी देखी गई।

लॉकडाउन के मद्देनजर किसी भी तरह के आयोजन पर रोक होने के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात का आयोजन करने वाले मौलाना साद का अब तक कुछ पता नहीं लग पाया है। मौलाना साद को क्राइम ब्रांच ने उसके वकील के माध्यम से सोमवार को दोबारा नोटिस भेजकर जवाब-तलब किया है। नोटिस में मौलाना से मकरज से जुड़े पदाधिकारियों की जानकारी माँगी गई है। क्राइम ब्रांच ने मौलाना को पहले जारी किए हुए नोटिस में 26 सवाल पूछे थे। जिसके जवाब में मौलाना ने खुद के सेल्फ आइसोलेशन में होन की जानकारी दी थी। मौलाना ने मरकज खुलने के बाद बाकी के सवालों के जवाब देने के लिए कहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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