Sunday, December 22, 2024
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हनुमान की तरह संजीवनी देने के लिए भारत का शुक्रिया: ब्राजील के राष्ट्रपति ने पत्र लिख की PM मोदी की तारीफ

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिख कर उनका शुक्रिया अदा किया और कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के समय में जिस तरह भारत ने ब्राजील की मदद की है, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा रामायण में हनुमान जी ने राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी लाकर की थी।

कोरोना महामारी से जूझ रहे पूरे विश्व के बीच भारत दूसरे कई देशों के लिए अपनी पहचान के अनुरूप मददगार साबित हो रहा है। इतना ही नहीं अपने यहाँ स्थिति तो काबू में किए हुए है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर दूसरे कई देश मोदी सरकार के लॉकडाउन को सरकार का साहसिक फैसला बताते हुए भारत सरकार की नीतियों की प्रशंसा कर चुके हैं। कुछ इसी तरह से ब्राजील के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख ब्राजील को हनुमान की तरह संजीवनी देने के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया है।

कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहे कई देशों को भारत द्वारा मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन उपलब्ध कराए जाने के बाद से पूरे विश्व में भारत की प्रशंसा हो रही है। दरअसल, दूसरे देशों की मदद के लिए काफी कारगर मानी जा रही इस दवा के निर्यात पर लगे बैन को भारत सरकार ने हटा लिया है। इसी क्रम में भारत से ब्राजील दवा पहुँचने के बाद राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई के लिए भारत का खूब शुक्रिया अदा किया।

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिख कर उनका शुक्रिया अदा किया और कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के समय में जिस तरह भारत ने ब्राजील की मदद की है, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा रामायण में हनुमान जी ने राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी लाकर की थी।

ब्राजील के राष्ट्रपति द्वारा पीएम मोदी को लिखे गए पत्र का कुछ अंश, साभार- न्यूज 18

आपको बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस दवा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। अमेरिकी चैनल फॉक्स न्यूज़ से बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत ने अपनी जरूरत के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई के निर्यात पर रोक लगाई थी, लेकिन पीएम मोदी सही हैं, उन्होंने मदद की। बता दें कि अब तक 30 देश भारत सरकार से इन दवाओं की माँग कर चुके हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले WHO के विशेष दूत डॉक्टर डेविड नाबरो ने कहा था कि समय से पहले पूरे देश में लॉकडाउन लगाना सरकार का एक साहसिक फैसला है। इससे महामारी को स्थानीय स्तर पर रोकने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर देश में इसे देरी से लागू किया होता तो शायद भारत जैसे देश में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते। उन्होंने अमेरिका जैसे देश की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ देशों में लॉकडाउन का सही तरीके से पालन नहीं किया गया।

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय भारत ने हमेशा कहा है कि ऐसे कठिन हालात में पूरे विश्व को एक होकर इससे लड़ना होगा। इसमें मानवीय पहलू के बारे में भी सोचना होगा। भारत ने कहा कि वह इन दवाओं को उन जरूरतमंद देशों को भी भेजेगा जो इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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