Friday, November 15, 2024
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‘मुस्लिम बच्चों, औरतों, मर्दों को घर से भगाया’ – TheWire का फैलाया झूठ वायरल, पुलिस ने बताई सच्चाई

पुलिस के स्पष्ट करने के बाद भी लोग इसे हकीकत मान रहे हैं। TheWire अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा। उसने न तो खबर को डिलीट किया है और न इस गलती पर माफी माँगी है।

झूठ गढ़ने की फैक्ट्री बन चुके वामपंथी मीडिया पोर्टल ‘द लायर’ ने कोरोना के बीच समाज में अराजकता फैलाने के लिए पिछले हफ्ते नया कारनामा किया। ‘द लायर’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया कि पंजाब और हिमाचल की बॉर्डर रेखा के पास मुस्लिम समुदाय के कुछ बच्चे, औरतें, पुरुष नदी ताल पर बिना खाना-पीना के रहने को मजबूर हो गए हैं, क्योंकि उन्हें गाली देकर, मारकर उनके घरों से खदेड़ दिया गया है। इसके बाद पोर्टल के मालिक और हाल ही में झूठ फैलाने के लिए कोर्ट का नोटिस पा चुके एस वर्धराजन ने इसे ट्वीट किया। साथ ही राणा अयूब एवं सबा नकवी जैसी कट्टरपंथी पत्रकारों ने इस झूठ को फैलाने पर तेजी से काम किया। नतीजतन, होशियारपुर पुलिस को खुद इस पर संज्ञान लेना पड़ा और सबूत पेश करके साबित करना पड़ा कि द वायर झूठ फैलाने का काम कर रहा है और ऐसा कुछ भी नहीं हैं।

पहले तो बता दें कि द वायर की खुद की रिपोर्ट में भी इस बात का उल्लेख है कि होशियारपुर की पुलिस ने इस तरह की किसी भी शिकायत आने को खारिज़ किया। बावजूद इसके द वायर ने अपनी खबर को अपने एंगल के हिसाब से चलाया। पुलिस ने इसके संबंध में एस वर्धराजन के ट्वीट पर रिप्लाई किया। होशियारपुर पुलिस ने रिपोर्ट को खारिज किया और लिखा, “यह झूठ है। कृपया ऐसे लेख पोस्ट न करें जो इस संकट के समय में लोगों में दहशत पैदा करें। हमें एकत्रित होकर लड़ने की जरूरत है और इस महामारी से अवगत लोगों को मदद करनी चाहिए… घबराने की जरूरत नहीं है।”

इसके अलावा, होशियारपुर पुलिस ने अपने ट्विटर से एक विडियो भी ट्वीट की। वीडियो में सराज दीन नाम का युवक पुलिस से बातचीत करता नजर आया और पुलिस को बताया कि उन्हें यहाँ पर कोई भी दिक्कत नहीं है। वे यहाँ आराम से हैं। उन्हें दो टाइम का खाना दिया जा रहा है। उन्हें राशन मिल रहा है। इसी तरह एक अन्य आदमी ने भी वीडियो में यही बातें बताई। जिसे शेयर करते हुए पुलिस ने लिखा कि कृपया झूठी न्यूज न फैलाएँ, वे लोग ठीक हैं।

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यहाँ बता दें कि सराज दीन नाम का ये युवक जो वीडियो में नजर आ रहा है, इसी युवक के नाम पर द वायर ने अपनी रिपोर्ट में प्रोपेगेंडा तैयार किया और लिखा कि उनके गाँव में उन्हें मारा पीटा गया गया और गाली देकर भगाया गया। जिसके कारण ये नदीतल पर भूखे प्यासे रहने को मजबूर हैं।

गौरतलब है कि ये खबर अब भी सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर की जा रही है। जाहिर है पुलिस के स्पष्ट करने के बाद भी लोग इसे हकीकत मान रहे हैं। लेकिन द वायर फिर भी अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा। उसने न खबर को डिलीट किया है और न इस गलती पर माफी माँगी है। लेकिन, दूसरी ओर होशियारपुर पुलिस लगातार इस बात को लेकर आश्वास्त कर रही है कि नदीतल में रह रहा गुज्जर (मुस्लिम) समुदाय सुरक्षित है और उन्हें बराबर खाना, पीना, राशन पहुँचाया जा रहा है।

कल होशियारपुर पुलिस ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों पर इंस्पेक्टर भूषण ने गुज्जर समुदाय के लोगों को खाने-पीने की चीजें पहुँचाई और उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि संकट के इस समय में जरूरतमंद व्यक्तियों को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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