Sunday, September 8, 2024
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अरबी मुस्लिमों की आँधी से काफिरों को मिटाने की चाह रखने वाला जफरुल इस्लाम दे रहा बुढ़ापे की दुहाई

दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार जफरूल खान ने बुधवार शाम साइबर सेल को पत्र लिखकर अपनी असमर्थता का जिक्र किया है। जफरुल इस्लाम ने इस पत्र में लिखा है कि वह 72 वर्ष का सीनियर सिटीजन होने के साथ ही हार्ट पेशेंट है और उन्हें इसके अलावा भी कई अन्य बीमारियाँ हैं।

राजद्रोह के आरोपित दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने पुलिस की जाँच में शामिल होने के लिए असमर्थता जताई है। और इस असमर्थता के पीछे अपने बुढ़ापे का हवाला दिया है।

जब साइबर सेल की टीम बुधवार शाम को पूछताछ में शामिल होने के लिए इस्लाम को लेने गई तो वहाँ कुछ लोग इकट्ठे हो गए थे। इस कारण साइबर सेल की टीम वापस लौट आई थी।

दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार जफरूल खान ने बुधवार (मई 06, 2020) शाम साइबर सेल को पत्र लिखकर अपनी असमर्थता का जिक्र किया है। जफरुल इस्लाम ने इस पत्र में लिखा है कि वह 72 वर्ष का सीनियर सिटीजन होने के साथ ही हार्ट पेशेंट है और उन्हें इसके अलावा भी कई अन्य बीमारियाँ हैं।

बिमारी और बुढ़ापे का हवाला देते हुए जफरुल ने कहा कि वह पूछताछ में सहयोग करने लिए पुलिस स्टेशन नहीं जा सकते। जफरुल इस्लाम ने यह भी कहा है कि वह अपने घर पर दिन के समय पूछताछ के लिए उपलब्ध हैं।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अप्रैल 30, 2020 को सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भड़काऊ बयान देने पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ राजद्रोह के तहत मामला दर्ज किया था।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त नीरज ठाकुर ने बताया था कि जफरुल इस्लाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए और 153 ए के तहत FIR दर्ज की गई।

‘कट्टर हिन्दुओं सँभल जाओ, वरना अरबी मुस्लिमों की आँधी ले आएँगे हम’

जफरुल इस्लाम द्वारा दी गई बुढ़ापे की दलील सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि कुछ दिन पहले यही जफरुल इस्लाम ने कहा था कि कट्टर हिन्दू ये भूल गए थे कि अरबी मुस्लिमों की आँखों में भारतीय मुस्लिमों की साख काफ़ी ऊँची है।

बकौल ज़फरुल, भारत के मुस्लिमों ने इस्लाम के लिए जो किया है, उसे देखते हुए अरबी उन्हें सिर-आँखों पर रखते हैं। भारतीय मुस्लिम अरबी और इस्लामी अध्ययन में पारंगत हैं, दुनिया को दुनिया भर में इस्लामी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ी विरासत में अहम योगदान दिया है।

ज़फरुल ने ‘काफिरों’ को चेताते हुए कहा था कि कट्टर हिन्दुओं को शुक्र मनाना चाहिए कि भारत के मुस्लिमों ने अरब जगत से कट्टर हिन्दुओं द्वारा हो रहे ‘घृणा के दुष्प्रचार, लिंचिंग और दंगों’ को लेकर कोई शिकायत नहीं की है और जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उस दिन अरब के मुस्लिम एक आँधी लेकर आएँगे, एक तूफ़ान खड़ा कर देंगे।

ऐसी धमकियों के बाद अचानक से जफरुल इस्लाम के बुढ़ापे, दिल के साथ ही कई अन्य किस्म की बीमारियों के सामने आने के कारण उनकी बातें दोबारा सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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