Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजतेलंगाना: कुएँ से निकले बिहार और बंगाल के मजदूरों के शव, मृतकों में 6...

तेलंगाना: कुएँ से निकले बिहार और बंगाल के मजदूरों के शव, मृतकों में 6 एक ही परिवार के

यह घटना उस वक्त उजागर हुई जब जूट मिल के मालिक एस. भास्कर गुरुवार को गोदाम पहुँचे। उन्होंने देखा कि एक परिवार के सभी सदस्य लापता हैं। उनके मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ थे। लिहाजा उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। इसके बाद शाम के वक्त खोजबीन के दौरान इन लोगों की लाश कुएँ से मिली।

तेलंगाना के वारंगल जिले से चौंकाने वाली घटना सामने आई हैं। यहाँ एक कुएँ से कल (21मई 2020) से लेकर अब तक कुल 9 प्रवासी मजदूरों के शव बरामद किए गए हैं।

खबरों के अनुसार शव वारंगल जिले के गीसुकोंडा मंडल के गोर्रेकुंटा गॉंव में कोल्डस्टोरेज के पीछे बने कुएँ में मिले हैं। सभी मृतक प्रवासी मजदूर थे। बंगाल और बिहार के रहने वाले थे और कोल्डस्टोरेज में काम करते थे।

यह घटना उस वक्त उजागर हुई जब जूट मिल के मालिक एस. भास्कर गुरुवार को गोदाम पहुँचे। उन्होंने देखा कि एक परिवार के सभी सदस्य लापता हैं। उनके मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ थे। लिहाजा उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। इसके बाद शाम के वक्त खोजबीन के दौरान इन लोगों की लाश कुएँ से मिली।

मकान मालिक ने बताया कि लॉकडाउन होने के बाद वे सभी उनके गोदाम के एक कमरे कमरे में रहते थे। आमदनी बंद होने के बाद वे परेशान हो गए थे और अपने-अपने गाँव जाना चाहते थे।

पुलिस ने बताया कि कुएँ से पहले पंप के जरिए पानी निकाला गया, उसके बाद शव बाहर निकाले जा सके। ये सारे शव दो परिवार के थे। छह मृतक एक ही परिवार से हैं। इनमें एक बच्चा और एक महिला भी थी।

बहरहाल गीसुगोंडा पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम हॉस्पिटल भेजा गया है। साथ ही संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर जाँच में जुट गई है। साथ ही स्थानीय लोगों से भी पड़ताल की जा रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -