सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के खिलाफ प्रशांत भूषण के आपत्तिजनक ट्वीट पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने प्रशांत भूषण को नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए। अब मामले में अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।
[SUO MOTU CONTEMPT CASE: ADVOCATE PRASHANT BHUSHAN & TWITTER INDIA]
— Live Law (@LiveLawIndia) July 22, 2020
SC bench led by Justice Arun Mishra will shortly hear a suo motu case pertaining to initiation of Contempt of Court Proceedinga against Adv #PrashantBhushan & Twitter India.@pbhushan1 @TwitterIndia #contempt pic.twitter.com/oeCZjuQg6F
जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की तीन जजों वाली बेंच ने 22 जुलाई को एडवोकेट प्रशांत भूषण और ट्विटर इंडिया के खिलाफ कोर्ट केस की अवमानना याचिका पर सुनवाई की।
अपडेट: हम प्रशांत भूषण के वो ट्वीट हटा रहे हैं क्योंकि उन्हें प्रकाशित करना भी परोक्ष रूप से कोर्ट की अवमानना के दायरे में ही आता है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ मंगलवार (जुलाई 21, 2020) को अदालत की अवमानना का केस दर्ज कर लिया था। देश की सर्वोच्च अदालत ने भूषण के साथ-साथ ‘ट्विटर इंडिया’ पर भी मुकदमा दर्ज किया था।
इसके बाद आज 22 जुलाई को इस मामले पर सुनाई हुई। सुनवाई में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को भी नोटिस जारी कर मामले में सहयोग करने को कहा गया। सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर से पूछा कि अवमानना की कार्यवाही शुरू होने के बाद भी उसने खुद से ट्वीट क्यों नहीं डिलीट किया।
इस पर ट्विटर की ओर से पेश वकील साजन पोवैया ने कहा, “अगर अदालत आदेश जारी करती है तो ही ट्वीट डिलीट हो सकता है। वो (कंपनी) अपने आप किसी ट्वीट को डिलीट नहीं कर सकता है।” कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सही पक्ष कैलिफोर्निया की ट्विटर इंक है, ट्विटर इंडिया नहीं।
उल्लेखनीय है कि अवमानना कार्यवाही का कारण वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा किए गए 2 ट्वीट हैं। ये ट्वीट 27 जून और 29 जून को किए गए थे। एक ट्वीट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा था। साथ ही कहा था कि खासकर पिछले 4 मुख्य न्यायधीशों ने देश का लोकतंत्र ध्वस्त करने में अपनी भूमिका निभाई है।
वहीं दूसरे ट्वीट में वर्तमान सीजेआई की बाइक के साथ तस्वीर पर सवाल उठाए थे। इन ट्विट्स के बाद ट्विटर पर काफी विवाद उत्पन्न हुआ था। उल्लेखनीय है कि विवादित अधिवक्ता प्रशांत भूषण न्यायपालिका पर लगातार हमले कर रहे हैं।
अपने ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा था, “जब भविष्य में इतिहासकार वापस मुड़कर देखेंगे कि किस तरह से पिछले 6 वर्षों में औपचारिक आपातकाल के बिना ही भारत में लोकतंत्र को नष्ट किया गया है, तो वे विशेष रूप से इस विनाश में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को चिह्नित करेंगे, और पिछले 4 CJI की भूमिका को और भी अधिक विशेष रूप से।”