Sunday, September 8, 2024
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‘घर के पास मँडरा रहे आतंकी’: जयपुर ब्लास्ट में सैफ, सरवर, सैफुर्रहमान और सलमान को फाँसी सुनाने वाले जज खतरे में

"मैं आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं हूँ कि निजी सुरक्षाकर्मी रख सकूँ। मेरी गलती सिर्फ इतनी है कि मैंने आतंकवादियों को मृत्युदंड दिया है। मुझे इस बात का डर है कि वह बदला लेने ज़रूर आएँगे। मुझे और मेरे परिवार वालों को इन आतंकवादियों से ख़तरा है।"

2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट में चार को मौत की सजा सुनाने वाले जज अजय कुमार शर्मा ने अपनी जान को खतरा बताया है। रिटायर हो चुके जज शर्मा ने इस संबंध में राजस्थान के डीजीपी को पत्र लिखा है। पत्र में खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि उन्होंने जिन 4 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी वे आतंकी समूह से जुड़े थे। इनसे उन्हें और उनकी परिवार को खतरा है। इसे देखते हुए उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी जाए।

बीते साल दिसंबर में विशेष कोर्ट के जज शर्मा ने जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजम, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को मौत की सजा सुनाई थी। इन बम धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी, वहीं 185 लोग घायल हो गए थे।

अजय कुमार शर्मा ने पत्र में कहा है, “अधिकारियों का कहना है कि मेरी सुरक्षा हटा दी गई है। मेरा निवेदन है कि मुझ पर मँडरा रहे ख़तरे को देखते हुए मेरी सुरक्षा जारी रखी जाए।” उन्होंने पत्र में दावा किया कि पिछले कई दिनों में उन पर शराब की खाली बोतलें फेकी गई हैं। इसके अलावा दो पहिया सवार अज्ञात लोग उनके घर के आस – पास मँडराते हुए नज़र आए हैं। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा, “आतंकवादी समूह बहुत खतरनाक हैं और वह कुछ भी कर सकते हैं। तमाम लोग कई बार मेरे घर की तस्वीर लेते हुए भी नज़र आए हैं।” 

उन्होंने कहा है, “इस मामले पर फैसला सुनाने के बाद मुझे और मेरे परिवार को 4 सुरक्षाकर्मी और 2 निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) दिए गए थे। वह अभी तक मेरी सुरक्षा के लिए तैनात हैं। लेकिन मैंने सुना है कि उन्हें भी हटाया जा रहा है। मैं आर्थिक रूप से इतना सक्षम नहीं हूँ कि निजी सुरक्षाकर्मी रख सकूँ। मेरी गलती सिर्फ इतनी है कि मैंने आतंकवादियों को मृत्युदंड दिया है। मुझे इस बात का डर है कि वह बदला लेने ज़रूर आएँगे। मुझे और मेरे परिवार वालों को इन आतंकवादियों से ख़तरा है, कृप्या इस मामले का संज्ञान लिया जाए।”

जयपुर के मंडलायुक्त आनंद श्रीवास्तव ने कहा है कि आईबी की तरफ से इस मुद्दे पर पत्र मिला है और हम पूर्व न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा की सुरक्षा समीक्षा कर रहे हैं। हम जल्द ही इस मामले पर उचित कदम उठाएँगे।

खुद पर मॅंडरा रहे खतरे की गंभीरता का एहसास दिलाने के लिए जज शर्मा ने नीलकंठ गंजू का उल्लेख किया है। नीलकंठ गंजू कश्मीर के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। साल 1984 में उन्होंने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के ख़ूँख़ार आतंकवादी मकबूल भट्ट को पुलिस इन्स्पेक्टर अमर चंद की  हत्या के मामले में सज़ा-ए-मौत सुनाई थी। 2 अक्टूबर 1989 को जेकेएलएफ़ के आतंकवादियों ने उन्हें जान से मार दिया था।

पूर्व न्यायाधीश शर्मा ने कहा है कि ये सभी आतंकवादी आईएसआई से जुड़े हुए हैं और वह संगठन के स्लीपर सेल के लिए सक्रिय रूप से काम करते थे। सभी आतंकवादी बेहद ख़ूँख़ार हैं और वह बदला ज़रूर लेंगे।

2008 जयपुर बम धमाके

13 मई 2008 को राजस्थान की राजधानी में 9 सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इन बम धमाकों में 71 लोगों की जान गई थी और 250 लोग घायल हुए थे। सारे बम अमोनियम नाइट्रेट से तैयार किए गए थे और कुल 20 मिनट के अंतराल में इनमें विस्फोट हुआ था। सभी बम साइकिल में बाँधे गए थे। इन सभी बमों में लोहे के बहुत सारे टुकड़े और बियरिंग डाली गई थी जिससे आबादी वाली क्षेत्र में इससे ज़्यादा नुकसान पहुँचे।  

बम धमाकों के ठीक दो दिन बाद आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने हमलों की ज़िम्मेदारी ली थी। दिसंबर 2008 में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। लगभग 11 साल तक चली इस सुनवाई के बाद दिसंबर 2019 में विशेष न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने इस मामले में 4 आतंकवादियों को मृत्युदंड का आदेश सुनाया था। इसमें मोहम्मद सैफ (34), मोहम्मद सरवर आजम (36), सैफुर्रहमान (36) और मोहम्मद सलमान (34) शामिल थे। इन पर आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने भारतीय दंड संहिता की तमाम धाराओं समेत गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।   

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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