महेश भट्ट के बेटे राहुल भट्ट ने साल 2012 में एक साक्षात्कार के दौरान कई खुलासे किए थे। साक्षात्कार में राहुल भट्ट ने बताया था कि पिता महेश भट्ट का रवैया उनके लिए कैसा था। राहुल भट्ट के मुताबिक़ महेश उन्हें अपने बेटे की तरह मानते ही नहीं थे और उनका नाम ‘मोहम्मद’ रखना चाहते थे। इसके अलावा राहुल भट्ट ने अपनी किताब ‘हेडली एंड आई’ की चर्चा करते हुए अपने पिता के साथ रिश्ते पर कई अहम बातें कहीं थी।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित साक्षात्कार में बिग बॉस कंटेस्टेंट ने कहा मेरे पिता का नज़रिया मेरे लिए कभी बहुत अच्छा नहीं रहा। वह मुझे अपने बेटे की तरह मानते ही नहीं थे और न ही वैसा बर्ताव करते थे। वह मेरा नाम ‘मोहम्मद’ रखा रखना चाहते थे। बहुत से लोगों को इस बात पर भरोसा नहीं होता, लेकिन यह सच है। वह हमेशा चाहते थे कि मेरी पहचान मोहम्मद नाम से हो। फिर उनके पड़ोस में रहने वाले महाराष्ट्र के लोगों ने उनकी एंग्लो इंडियन माँ से इस मुद्दे पर निवेदन किया और कहा कि महेश भट्ट के पास अपनी धर्म निरपेक्षता दिखाने के और भी मौके हैं।
राहुल ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर महेश भट्ट को ऐसा लगता है कि वह एक अच्छे मुस्लिम हैं तो उन्हें अपनी सभी औलादों के साथ एक जैसा व्यवहार करना चाहिए। उन्हें अपने बेटे और बेटियों में किसी भी तरह का अंतर नहीं करना चाहिए। उनकी माँ भले मुस्लिम थीं, लेकिन मेरा उनसे कभी कोई संवाद नहीं रहा। इस बात का अंदाज़ा लगा पाना तक मुश्किल है कि अगर मेरा नाम मोहम्मद होता तो मेरा क्या होता? मुझे कोई नहीं जानता और न ही किसी को पता चलता कि महेश भट्ट का एक बेटा भी है। मैं तिहाड़ जेल में बंद कर दिया जाता और उसकी चाभी समुद्र में फेंक दी जाती।
इसके बाद राहुल भट्ट ने कहा मेरे और मेरे पिता के रिश्ते की सच्चाई यही है कि उन्होंने मुझे कभी अपने बेटे की तरह माना ही नहीं। अगर वह एक बेहतर पिता होते और ज़रूरत पड़ने पर मेरे लिए मौजूद होते तो मैं कभी हेडली के संपर्क में नहीं आता। मेरे लिए वह दौर और हालात बहुत कठिन थे। मुझे सही रास्ता दिखाने वाला कोई भी व्यक्ति मेरे पास नहीं था। शायद मुझे ऐसा कहना नहीं चाहिए, लेकिन उन्होंने मेरे साथ हमेशा नाजायज संतान की तरह की बर्ताव किया।
राहुल ने कहा कि मुझे गॉडफादर 3 के एंडी गर्शिया जैसा महसूस होता था। उन अनुभवों को याद करना, महसूस करना बेहद डरावना है। लेकिन सच यही है कि उन अनुभवों ने मुझे इतना मज़बूत बनाया है। मेरे भीतर हमेशा एक असुरक्षा का भाव था, नाराज़गी और निराशा हावी थी। लेकिन समय के साथ मैं ऐसे हर जज़्बात से बाहर आ गया और आज पहले से बहुत बेहतर स्थिति में हूँ।
राहुल भट्ट ने कहा था, “मैं कोई विक्टिम कार्ड नहीं खेलना चाहता हूँ। पर सच यही है कि महेश भट्ट ने मेरे लिए कभी कुछ नहीं किया। मैं एक कड़वा इंसान नहीं हूँ, बल्कि एक बेहतर इंसान हूँ और इसका कारण सिर्फ मेरे पिता ही हैं।”
दरअसल महेश भट्ट के कुल 4 बेटे-बेटियाँ हैं। आलिया और शाहीन भट्ट, जिनकी माँ सोनी राजदान हैं। पूजा और राहुल भट्ट, जिनकी माँ किरन भट्ट हैं। पूजा, आलिया और शाहीन के बारे में सभी ने सुना है, लेकिन राहुल भट्ट के बारे में कम ही लोग जानते हैं।