Sunday, May 5, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षानक्सली आतंकियों ने किया 25 आदिवासियों का सामूहिक कत्ल, 'पुलिस के एजेंट' होने के...

नक्सली आतंकियों ने किया 25 आदिवासियों का सामूहिक कत्ल, ‘पुलिस के एजेंट’ होने के शक में ठहराया था धोखेबाज

नक्सली आतंकवादी समूह ने एक बयान जारी कर कहा था कि बीजापुर के गँगालूर इलाके में उनके खिलाफ 'स्पष्ट सबूत' मिलने के बाद 'जनअदालत' के माध्यम से कम से कम 25 आदिवासी लोगों को सजा दी गई है।

वामपंथी उग्रवादियों (LWT) ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तकरीबन 25 आदिवासियों को बर्बरतापूर्वक मौत के घाट उतार दिया। नक्सलियों ने मारे गए लोगों पर पुलिस मुखबिर, गोपनीय सैनिक और भीतरघाती होने का आरोप लगाया है।

खबरों के मुताबिक, एक नक्सली वामपंथी आतंकवादी समूह ने बृहस्पतिवार (अक्टूबर 08, 2020) को एक बयान जारी कर कहा था कि बीजापुर के गँगालूर इलाके में उनके खिलाफ ‘स्पष्ट सबूत’ मिलने के बाद जनअदालत के माध्यम से कम से कम 25 आदिवासी लोगों को सजा दी गई है।

‘विकल्प’ नाम से जाने जाने वाले एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ने उन्हें ‘धोखेबाज’ और ‘पुलिस के मुखबिर’ घोषित करते हुए कहा कि मारे गए लोगों में 12 गोपनीय सैनिक, 5 भीतरघाति और 8 मुखबिर शामिल थे।

नक्सलियों द्वारा मारे गए आदिवासियों की सही संख्या अभी भी स्पष्ट नहीं है। हालाँकि, तेलंगाना पुलिस ने कहा कि उन्हें खुफिया जानकारी मिली थी कि नक्सलियों ने सितंबर के अंतिम सप्ताह में तेलंगाना-छत्तीसगढ़ के पास 16 ग्रामीणों की हत्या की थी।

तेलंगाना के एक अधिकारी ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को बताया कि नक्सलियों ने कुछ अन्य ग्रामीणों को भी अगवा कर लिया था और उन्हें बीजापुर के जंगलों में छिपा दिया और बाद में उन्हें भी मार डाला था। नक्सल आतंकवादी गिरोह ‘विकल्प’ ने कथित तौर पर दावा किया कि पुलिस के लिए काम करने वाले गुप्त एजेंटों में से एक वरिष्ठ माओवादी नेता विज्जा भी शामिल था।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार वामपंथी आतंकवादी संगठन ने कहा, “हमारी पूछताछ से पता चला कि विज्जा पिछले दो वर्षों से एक पुलिस एजेंट के रूप में काम कर रहा था और उसे माओवादी पार्टी की केंद्रीय समिति को नुकसान पहुँचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसने चार बार पुलिस को पार्टी की बैठकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी थी।”

कथित तौर पर, बीजापुर में आदिवासियों की हत्या के लिए जिम्मेदार 39 वर्षीय नक्सली नेता मोडियम विज्जा उर्फ ​​भादरू को सितंबर के आखिरी सप्ताह में वामपंथी आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। पुलिस माओवादी नेता विज्जा की धरपकड़ में जुटी थी। यहाँ तक उसे पकड़ने के लिए 8 लाख रुपए का नकद इनाम भी रखा था।

आदिवासी इलाकों में ग्रामीण हैं नक्सलियों के खिलाफ

इस बीच पुलिस ने कहा है कि वामपंथी आतंकवादी निर्दोष आदिवासियों को निशाना बना रहे है। बस्तर क्षेत्र वामपंथी आतंकवादी का आंदोलन अपने अंत के करीब है क्योंकि आदिवासी इलाकों में ग्रामीण उनके खिलाफ हो रहे हैं। .

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा है कि आतंकवादी गतिविधियों का आदिवासी क्षेत्रों में कोई लेना-देना नहीं है और इस क्षेत्र में आदिवासियों के बीच नक्सल विरोधी भावना के निर्माण के कारण इसका अंत हो रहा है। सुंदरराज ने कहा कि माओवादी नेताओं को अब अपने आंदोलन के खात्मे का डर दिख रहा है। यह आंदोलन अब पूरी तरह से दिशाहीन हो गया है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुहो पागले हाउ’: जेल से निकलते ही ‘छोटे सरकार’ ने लालू यादव के धोखे को किया याद, बोले – गरीब को खाना और किसान...

दिल्ली में बड़ा घर-बँगला होने के सपने की बात की गई तो महिला पत्रकार से अनंत सिंह ने मजाकिया अंदाज़ में कहा, "तुहो पागल हाउ।" उन्होंने कहा कि किसे बड़ा घर अच्छा नहीं लगता है, किसे झोपड़ी अच्छा लगता है।

‘मुस्लिमों को आरक्षण देना देशद्रोह’: प्रोफेसर दिलीप मंडल ने बताया किसने संविधान को सबसे ज्यादा बदला, कहा – मनमोहन कैबिनेट में सिर्फ 1 OBC...

दिलीप मंडल ने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण की बात करना देशद्रोह है, क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की मनाही है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -