Sunday, December 22, 2024
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तनिष्क विवाद पर बोले जावेद अख्तर, कहा- लड़की वालों को हमेशा लड़के ‘पशु चोर’ ही लगते हैं, लोगों ने पूछा- राहुल पर क्यों चुप थे चचा!

इस ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया पर लोग जावेद अख्तर को ट्रोल कर रहे हैं। कुछ यूजर्स का सीधा सा सवाल है कि फिल्मों में चाहे बॉम्बे के रिलीज समय को याद कर लिया जाए या फिर गदर को जिसमें मुस्लिम लड़की को सिंदूर लगाने भर से विवाद खड़ा हो गया था। इसके अलावा वास्तविक जीवन में भी नुसरत जहां को मौलवियों ने कितनी धमकियाँ दी थीं यह किसी से छिपी नहीं है।

तनिष्क को अपने विवादित विज्ञापन के कारण बड़े स्तर पर लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में जावेद अख्तर अब उस एड पर आ रही प्रतिक्रिया पर अपना मत रखने मैदान में उतरे हैं।

अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा है कि अतंरजातीय विवाह हमेशा ही कुछ लोगों को परेशान करता है और नाराज लोग दूल्हे और परिवार को पशु चोर की तरह देखते हैं। 

सुनंदा वशिष्ठ के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, “चाहे फिल्म हो, विज्ञापन या वास्तविक जीवन सभी जगह इंटर रिलीजियस शादी हमेशा ही कुछ लोगों को परेशान करती है, जिनमें हमेशा ही लड़की पक्ष का गुस्सा देखने को मिलता है या इससे संबंधित होता है, यह नाराजगी इस बात पर आधारित होती है कि उन्हें लगता है महिलाएँ अपनी संपत्ति की तरह हैं। नाराज लोग दुल्हे और उसके परिवार को किसी गाँव के पशु चोर रूप में देखते हैं।”

इस ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया पर लोग जावेद अख्तर को ट्रोल कर रहे हैं। कुछ यूजर्स का सीधा सा सवाल है कि फिल्मों में चाहे बॉम्बे के रिलीज समय को याद कर लिया जाए या फिर गदर को जिसमें मुस्लिम लड़की को सिंदूर लगाने भर से विवाद खड़ा हो गया था। इसके अलावा वास्तविक जीवन में भी नुसरत जहां को मौलवियों ने कितनी धमकियाँ दी थीं यह किसी से छिपी नहीं है।

एक यूजर जावेद अख्तर के लिए लिखता है, “चाचा को बिना सच्चाई के और बर्बर विचारधारा के साथ सामंजस्य के लिए सेकुलरिज्म चाहिए।”

लोगों का जावेद अख्तर से पूछना है कि आखिर खुद को नास्तिक बताने वाले राहुल राजपूत के साथ हुई घटना पर कोई टिप्पणी क्यों नहीं कर रहे और ऐसी कुप्रथाओं के समर्थन में क्यों अपनी आवाज उठा रहे हैं।

एक नेटिजन उनको लिखता है कि सेकुलर होने और पाकिस्तानी होने में कोई अंतर नहीं है। रिपोर्टिंग के लिए सेकुलर एजेंडा बिलकुल पाकिस्तानियों जैसा है। सिर्फ़ आतंकियों का असली चेहरा दिखाकर बर्बर चेहरे को छिपा ले जाना।

इसी प्रकार अन्य ट्विटर अकॉउंट से जावेद से अपील की जाती है कि चूँकि वह फिल्म इडस्ट्री से जुड़े हुए हैं इसलिए ऐसी स्थिति को रिवर्स करके एड बनाएँ और फिर लुटियंस साथियों को उनके समर्थन में ट्वीट करने को बोलें।

गौरतलब है कि एक ओर जहाँ जावेद अख्तर के ट्वीट के बाद उसके रिप्लाई में कोई भी व्यक्ति उनके समर्थन में खड़ा नहीं दिखाई दे रहा है। वहीं कई अन्य लिरबल व कट्टरपंथी गिरोह के लोग भी इस मामले में लीपा-पोती करने में जुटे में हैं। ऐसे में तनिष्क को बहिष्कृत करने का विचार बना चुके लोग उनकी टाइम लाइन पर भी उन्हें आड़े हाथों ले रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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