उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद जनपद के गलशहीद थाना क्षेत्र में नगर संत नाम से मशहूर चामुंडा मंदिर के महंत और गंगा प्रदूषण मुक्ति समिति के संरक्षक महंत रामदास का शव मिलने से हड़कंप मच गया। गलशहीद थाना क्षेत्र के असालतपुरा बड़ा अहाता के पास स्थित वाल्मीकि मंदिर के बरामदे में उनका शव फर्श पर पड़ा मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उधर परिजनों ने उनकी हत्या की आशंका जताई है।
संदिग्ध परिस्थितियों में मिले महंत के शव पर राष्ट्रीय योगी सेना का कहना है कि महंत रामदास ने गंगा प्रदूषण मुक्ति के लिए अभियान छेड़ रखा था। इसके लिए वह खनन माफियाओं के खिलाफ बोलते और आए दिन आंदोलन करते थे। हाल ही में संत रामदास ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था जिसमें उन्होंने अपनी जान का खतरा बताया था। वीडियो में संत रामदास ने बताया था कि उन्हें खनन माफियाओं से जान के खतरे का अंदेशा है। ऐसे में अचानक हुई उनकी मौत के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं।
मौके पर मौजूद मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने घटना पर जानकारी देते हुए कहा कि गलशहीद थाना क्षेत्र के मंदिर में एक संत रामदास का शव मिला था जिसकी सूचना मंदिर के जो कर्मचारी हैं उनके द्वारा दी गई थी। उनके द्वारा बताया गया कि ये बाबा शाम को मोटर साइकिल से आए थे। वहाँ उन्होंने कहा था कि 9 दिन का व्रत रखेंगे और वहीं मंदिर में रहेंगे। लेकिन सुबह जब लोगों ने उन्हें मृत अवस्था में देखा तो उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर जाकर छानबीन की। शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया गया है और उनके शरीर पर कोई भी बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं। उनकी मृत्यु का जो वास्तविक कारण है उसे जानने के लिए पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
थाना गलशहीद क्षेत्रान्तर्गत जनपद मुरादाबाद में संत रामदास जी की मृत्यु के सम्बंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक @moradabadpolice की बाइट। @Uppolice @dgpup @adgzonebareilly @digmoradabad @AmitKAnandIPS pic.twitter.com/zA2gvUnGAS
— MORADABAD POLICE (@moradabadpolice) October 17, 2020
वहीं संत की हत्या की आशका जताते हिंदू संगठनों ने परिजनों संग शहर के पीलीकोठी चौराहे पर शव रखकर जाम लगाया। उन्होंने इसे हत्या बताते हुए मौत के पीछे बड़ी साजिश का हाथ बताया। जिसके बाद पुलिस ने जाँच का आश्वासन दिया और जाम खुलवाया।
राष्ट्रीय योगी सेना के अध्यक्ष आकाश अग्रवाल ने कहा कि महंत हमेशा गलत के खिलाफ आवाज बुलंद करते थे। जिसकी वजह से वह लोगों की आँखों मे भी खटकने लगे थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि महंत रामदास खनन की शिकायत करते रहते थे और सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते थे। उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है क्योंकि उनके पास 3 मोबाइल थे और वो तीनों ही गायब हैं। उनका पर्स भी गायब है। तो कहीं न कहीं ये हत्या का मामला लगता है। उनका फोन कल शाम से बंद आ रहा था। अब उनके नंबर से DP भी हटा ली गई है।
अग्रवाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि एक सप्ताह पहले खनन की शिकायत को लेकर रामदास ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है। उन्होंने सवाल पूछा कि अगर बीमारी से मौत हुई है तो मोबाइल कहाँ गायब हो गए। DP किसने हटा दी। महंत रामदास को मोबाइल का शौक था। वो हमेशा एक दो घंटे में अपनी फेसबुक अपडेट करते रहते थे। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट हमें बताई नहीं है जो भी हुआ है वो गलत है।