मुंबई पुलिस द्वारा 2018 के एक बंद मामले में गिरफ्तार किए गए रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को देश भर के अलग अलग कोने से समर्थन मिल रहा है। साथ ही, अर्णब गोस्वामी की रिहाई की माँग को लेकर देश में बहुत जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।
इसी कड़ी में ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (AIBA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखते हुए कहा है कि मुंबई पुलिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उलंघन करते हुए गोस्वामी की गिरफ़्तारी हुई है।
Arnab Goswami brought to Alibag Court @republic #ArnabGoswami @MumbaiPolice https://t.co/uu7XCJUuZV
— Live Law (@LiveLawIndia) November 4, 2020
एआईबीए द्वारा साझा की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एआईबीए के अध्यक्ष डॉ आदिश सिंह अग्रवाल ने राज्यपाल से गोस्वामी को तुरंत रिहा करने का अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के इस कार्रवाई को ‘सत्ता का दुरुपयोग” और ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला’ ठहराया है। प्रेस विज्ञप्ति ने उन दिशानिर्देशों को भी सूचीबद्ध किया जिसका मुंबई पुलिस ने गोस्वामी को गिरफ्तार करने में उल्लंघन किया था।
सुप्रीम कोर्ट के वकील ने CJI को लिखा पत्र
मुंबई पुलिस द्वारा गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक वकील सिद्धार्थ आचार्य ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा है।
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आचार्य ने CJI से अनुरोध किया कि वह मुंबई पुलिस की कार्रवाई को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के रूप में वर्णित करते हुए गोस्वामी की गिरफ्तारी का स्वत: संज्ञान लें। उन्होंने लिखा है कि शुद्ध राजनीतिक प्रतिशोध का लेकर की गई ‘अवैध’ गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन है।
आचार्य ने लिखा, “यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि अर्णब को न तो पहले नोटिस दिया गया और न ही उनको अपनी कानूनी टीम से इस बारे में बातचीत करने का मौका दिया गया। अर्णब की गिरफ्तारी करते समय कानून की विधिवत प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया गया है। यह महाराष्ट्र सरकार द्वारा मुंबई पुलिस का दुरुपयोग कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा और अभूतपूर्व हमला है ”।
उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत दुश्मनी निकलने के लिए राज्य की शक्ति का घोर दुरुपयोग था। उन्होंने सीजेआई से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार को तत्काल रिहाई के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया।