जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्विद्यालय के इतिहास में पहली बार कोई महिला कुलपति बनी है। प्रोफेसर नजमा अख्तर जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पहली महिला कुलपति बनने वाली हैं। गौरतलब है कि साल 2018 में मणिपुर की राज्यपाल व पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला को कुलाधिपति (चांसलर) नियुक्त किया गया था। फिलहाल देश के किसी भी विश्वविद्यालय के दोनों सर्वोच्च पदों पर महिलाएँ नहीं हैं। शिक्षण संस्थानों के इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है, जो जामिया के लिए भी गौरव की बात है।
एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया अधिनियम 1988 के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए भारत के राष्ट्रपति ने जामिया के विजिटर की हैसियत से नई दिल्ली स्थित NIEPA में कार्यरत प्रोफेसर नजमा अख्तर को 5 साल के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया का कुलपति नियुक्त किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकीं प्रो नजमा को चार दशक के लंबे शैक्षणिक नेतृत्व का अनुभव है। वह NIEPA में 130 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रशासक पाठ्यक्रम के 15 वर्षों तक सफल नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं। देश में शैक्षिक प्रशासक तैयार करने के लिए प्रयागराज में पहले प्रदेश स्तर के प्रबंधन संस्थान को स्थापित व सफलतापूर्वक विकसित करने का श्रेय भी नजमा अख्तर को जाता है। इन्होंने दो किताबें भी लिखी हैं।
Jamia Milia Islamia @jamia_millia has got its first Woman Vice Chancellor in Prof. Najma Akhtar. #RIWOMEN
— eduNEWS108 (@edunews108) April 12, 2019
इसके साथ ही प्रो नजमा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक व अकादमिक कार्यक्रमों की निदेशक सहित कई शीर्ष संस्थानों की अहम जिम्मेदारियाँ बखूबी निभाई हैं। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में उन्होंने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिस्टेंस एजुकेटर कैपेसिटी बिल्डिंग पाठ्यक्रमों की अगुवाई की है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्वर्ण पदक विजेता प्रो नजमा अख्तर मेधावी विद्यार्थी भी रही हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रशस्तियाँ अपने नाम की हैं। प्रो नजमा ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों जैसे वारविक विश्वविद्यालय व नाटिंघम विश्वविद्यालय के अलावा शैक्षिक योजना के अंतरराष्ट्रीय संस्थान (आईआईईपी) यूनेस्को, पेरिस से भी शिक्षा प्राप्त की है। वह विकसित व विकासशील देशों के कई साझा अनुसंधान कार्यों में भी शामिल रही हैं। सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने युवा शिक्षकों को स्वतंत्र नेतृत्वकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित व सहयोग किया है।
इसके साथ ही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा को मोतीहारी विश्वविद्यालय, बिहार का कुलपति बनाया गया है तो वहीं बीएचयू के प्रोफेसर रजनीश शुक्ला को महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति का भार सौंपा गया है।
गौरतलब है कि जामिया के पूर्व वीसी प्रफेसर तलत अहमद के पिछले साल जुलाई 2018 में जामिया से इस्तीफा देकर कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रमुख के तौर पर ज्वॉइन करने के बाद से यह पद खाली पड़ा था।