बाबरी मस्जिद विध्वंस को आज 28 साल पूरे हो चुके हैं। 6 दिसंबर 1992 को लाखों कारसेवकों की भीड़ ने श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या स्थित विवादित ढाँचा गिरा दिया था। ऐसा विध्वंस जो सुनियोजित नहीं था, उसकी सालगिरह के मौके पर कट्टरपंथी इस्लामी ट्विटर पर #BabriYaadRahegi (बाबरी याद रहेगी) हैशटैग ट्रेंड करा रहे हैं और हिन्दुओं पर नफ़रत भरी टिप्पणियाँ कर रहे हैं।
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफ़आई) ने विवादित ढाँचे की स्मृति में एक पोस्टर साझा किया। इस पोस्टर में लिखा है, “एक दिन बाबरी का उदय ज़रूर होगा” और “हम इसे भूल नहीं सकते हैं।” इस पोस्टर को पीएफ़आई के तमाम समर्थक साझा कर रहे हैं और इसके साथ ही #BabriYaadRahegi हैशटैग का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
#PosterRelease
— Popular Front of India (@PFIOfficial) December 4, 2020
Babri Will 𝗥𝗶𝘀𝗲 One Day pic.twitter.com/vmNJvDpQMH
इसके अलावा तमाम कट्टरपंथी इस्लामी भी इस तरह के नफ़रत भरे ट्वीट कर रहे हैं। सिराज अहमद नाम के ट्विटर यूज़र ने कारसेवकों को आतंकवादी कहा और आरोप लगाया कि भारतीय न्यायपालिका न्याय दिलाने में असफल रही है।
6 Dec 1992.
— Seraj Ahmad (@seraj392) December 6, 2020
28 years ago, a mob of Hindutva terrorists attacked Babri Masjid and demolished it.
Culprits were never got punished, they were glorified by Indian Majority society.
Indian Justice system failed to delivery justice! #BabriYaadRahegi#BabriMasjidAwaitsJustice pic.twitter.com/irI4pm7ydX
वहीं कुछ ने इसे लोकतांत्रिक देश के लिए शर्म का विषय बताया और कहा कि वह अपने बच्चों को बताएँगे कि कैसे बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ। इसके अलावा कुछ का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण का आदेश अन्यायपूर्ण था।
We will tell our children how the Babri Masjid was martyred,
— 🌷ᶨᵃᵛᵉↁـــادریₐₗₐₘقــــــ🌷इलाहाबादी (@JAVED_Q1) December 6, 2020
and who are the terrorists who broke it.#babrimasjid#BabriYaadRahegi#BabriMasjidAwaitsJustice#BabriZindahai pic.twitter.com/BRWyCrKouh
6 December 1992 – Demolition of Babri.
— Abdul Rehman (@abdul_rehman043) December 6, 2020
9 November 2019 – Supreme Court gave unjust judgement.
More than 70 years of independence, and every time this country has failed to give us justice and equality.
Never Forget! Never Forgive!#BabriMasjidAwaitsJustice #BabriYaadRahegi pic.twitter.com/fkHLsGWS1D
28 Years ago, Youths of the most radicalised Community of this planet demolished this beautiful mosque.#BabriYaadRahegi pic.twitter.com/zcqX3CSOSa
— Babri Zinda Hai (@Delhi_Sarcasm) December 5, 2020
Babri Masjid was demolished by Hindutva lead ideology by BJP, and the main conspirators are still free and some are chaired on Constitutional positions. What a Shame for Democratic Country. On 6th December 1992, #BabriMasjid mosque was demolished in UP’s #Ayodhya #BabriYaadRahegi pic.twitter.com/Z1Dz2EbwJe
— Imran Solanki (@imransolanki313) December 6, 2020
एक सोशल मीडिया यूज़र ने आरोप लगाया कि उद्देश्य राम जन्मभूमि पर ढाँचा गिराने का नहीं था बल्कि मस्जिद का विध्वंस करना था। जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय की एक छात्रा आफरीन फातिमा ने कहा, “बाबरी थी, बाबरी है, बाबरी रहेगी।”
जनवरी 2020 में आफरीन ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को गलत ठहराया था और सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में भाषण देते हुए अफज़ल गुरु को निर्दोष बताया था। आफरीन इन विरोध प्रदर्शन की वजह से फरवरी 2020 के दौरान हुए हिन्दू विरोधी दंगों का मुख्य चेहरा भी थी।
Babri thi.
— Afreen Fatima (@AfreenFatima136) December 6, 2020
Babri hai.
Babri rahegi.#RememberBabri
If Babri Masjid was in Gurgaon – Sanghis would claim Ram was born in Gurgaon.
— Ahl-e-junoon (@DuneKhaal) December 6, 2020
Never mistake that their intent was to demolish just a mosque – they wanted to demolish the hopes and ambitions of Muslims in a free India.#BabriMasjidZindaHai
9 नवंबर को सुनाया गया था ऐतिहासिक फैसला
9 नवंबर 2019 को विवादित ज़मीन हिन्दुओं को देते हुए रामलला विराजमान के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाए, जिसके बाद फरवरी 2020 में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बनाया गया था। 5 अगस्त 2020 को श्रीराम जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तमाम नेताओं और संतों की मौजूदगी में भूमिपूजन कराया गया था। आगामी दो वर्षों में श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।