बिहार के एक कुख्यात कॉन्ट्रैक्ट किलर ने वहाँ के एक वरिष्ठ अधिकारी से काउंसलिंग के बाद सुधार के तौर पर एक किराने की दुकान खोली थी। लेकिन अब मोहम्मद इम्तियाज आलम नाम का यह आरोपित एक बार फिर अपने धंधे में वापस उतर चुका है। बताया जा रहा है कि इम्तियाज ने ऐसा कदम दुकान से होने वाली कम आमदनी और ‘पीयर प्रेशर’ यानी, अन्य गुर्गों द्वारा बनाए जा रहे दबाव के कारण उठाया।
‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मोहम्मद इम्तियाज ने हत्या नहीं बल्कि चोरी के लिए पेशे में वापसी की है। उनका गिरोह हर दो महीने में एक या दो हफ्ते के लिए दिल्ली आता, अपराध करता और वो वापस लौट जाता था। गिरोह का खुलासा हुआ और तीन आरोपित कश्मीरी गेट पर चोरी के सामान के साथ दबोच लिए गए।
मुख्य आरोपित की पहचान बिहार के अररिया निवासी 32 वर्षीय मोहम्मद इम्तियाज आलम के रूप में हुई है, जो हत्या, हत्या के प्रयास और डकैतियों के 20 से अधिक मामलों में शामिल रहा है। उनके सहयोगियों की पहचान मोहम्मद दरबेश (34) और मोहम्मद नईम (32) के रूप में की गई। तीनों आरोपितों से लैपटॉप, 11 ब्राँडेड घड़ियाँ, लगभग 1,000 रुपये नकद और अपराध के लिए इस्तेमाल एक तिपहिया वाहन जब्त किया गया।
डिप्टी कमिश्नर (उत्तर) ने कहा कि तीनों को पकड़ने के लिए सूचना के आधार पर जाल बिछाया गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस को देखकर थ्री-व्हीलर पर बैठे तीनों लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन वो पकड़े गए।
पुलिस के अनुसार, “मोहम्मद इम्तियाज आलम ने कहा कि वो एक कॉन्ट्रैक्ट किलर था, लेकिन बिहार में एक पुलिस अधिकारी द्वारा काउंसलिंग के बाद उसने अपराध छोड़ दिया। उसने अपने गुजारे के लिए एक दुकान शुरू की थी, लेकिन इसमें उन्हें ज्यादा कमाई नहीं हुई। अच्छी जिंदगी जीने के लिए वो अपने दो सहयोगियों के साथ शामिल हो गया और चोरी करने के लिए दिल्ली जाने लगा। उन्होंने चोरी के पैसों से एक इनोवा कार और घर खरीद लिया था।”