Tuesday, December 10, 2024
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‘पुलिस पर पथराव ही तो किया, जान से थोड़ी मार रहे थे… पहले से ही ईंटें जमा थीं, प्रशासन ने क्यों हटवा दिया’: संभल में बुर्का वाली खातून ने वीडियो में सब उगल डाला

पत्रकार ने पूछा कि जो मरे हैं, वो पत्थर क्यों चला रहे थे? इस सवाल पर मुस्लिम महिला ने कहा, "पथराव ही तो कर रहे थे। कोई तुम्हें जान से थोड़ी मार रहे थे।"

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार (24 नवंबर 2024) को मुस्लिम भीड़ के उपद्रव के बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। पुलिस टीमें पत्थरबाजों की पहचान करके उनकी धरपकड़ में जुटी हुई हैं। इस हिंसा में मुस्लिम समुदाय के पुरुषों के अलावा महिलाएँ भी शामिल रहीं। इस घटना के बाद वायरल हो रहे वीडियो में एक मुस्लिम महिला पत्थरबाजी की घटना को बेहद मामूली बात बता रही है।

सोशल मीडिया के X प्लेटफॉर्म पर यूजर @politicscharcha ने बुधवार (27 नवंबर) को एक वीडियो शेयर किया है। 12 सेकेंड के इस वीडियो में एक पत्रकार मुस्लिम महिला से बात कर रही है। पत्रकार ने हिंसा में पुलिस वालों को लगी चोट का जिक्र किया। जवाब में मुस्लिम महिला ने इन चोटों से कोई सहानभूति नहीं दिखाई और कहा, “चोट है वो, वो सही हो जाएँगे। जिसका गया वो तो गया दुनिया से। वो तो वापस न आएगा।”

इसके बाद बुर्का वाली महिला के तेवर और सख्त हो गए। पत्रकार ने पूछा कि जो मरे हैं, वो पत्थर क्यों चला रहे थे? इस सवाल पर मुस्लिम महिला ने कहा, “पथराव ही तो कर रहे थे। कोई तुम्हें जान से थोड़ी मार रहे थे।” इतना कह कर खातून आगे बढ़ने लगी।

इस इंटरव्यू का पूरा वीडियो राजधर्म नाम के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है। 10 मिनट 23 सेकेंड लम्बे इस वीडियो में महिला पत्रकार संभल के हिंसाग्रस्त इलाकों से अपनी रिपोर्टिंग की शुरुआत करती है। वीडियो में गलियों में पत्थरबाजी के निशान मौजूद दिख रहे हैं। कुछ पत्थरों को सड़क के किनारे कर दिया गया है। कई गाड़ियों को भी तोड़ डाला गया था, जो अभी वहाँ खड़ी दिख रही है। रास्ते में वारसी हाउस पड़ा। घर के आगे 2 लोग बैठे दिखे, जो मीडिया के खिलाफ बातें कर रहे थे।

वारसी हाउस पर एक युवा व दूसरा बुजुर्ग मौजूद था। इन्होंने मीडिया पर जहर उगलने का आरोप लगाया और कुर्सी उठा कर अंदर चले गए। बाद में युवा बाहर निकला। उसने जुल्म की इंतहा होने और सबको परेशानी में डालने जैसी बातें की। गलियाँ सूनी दिखीं और एक अन्य राहगीर ने भी मीडिया से बात नहीं की। कुछ ही देर बाद एक बुर्का पहने महिला जाती दिखी। उसने खुद को घटना की चश्मदीद बताया।

महिला चश्मदीद ने कहा कि पुलिस वाले कब्ज़े में नहीं आ रहे थे। पुलिस पर ही लाठीचार्ज का दोष मढ़ते हुए महिला आगे बोली, “हथियार तो पुलिस वालों के पास थे। हम तो निहत्थे थे। जब लाठीचार्ज होगा तो मजबूरन कुछ न कुछ करना पड़ेगा।” बुर्का वाली खातून ने यह भी माना कि पहले से ही चारों तरफ ईंटें रखी हुई थीं। वह इस बात से नाराज भी दिखीं कि प्रशासन ने वो ईंट-पत्थर क्यों साफ़ करवा दिए। भीड़ की तादाद 2 से ढाई हजार होने की बात को कथित चश्मदीद ने सहमति दी।

मुस्लिम महिला ने बताया कि अचानक ही लोगों को एक-दूसरे से पता चला कि मस्जिद का सर्वे हो रहा है और इसी बात पर वो लोग जमा हो गए। महिला बोली, “ऐसी बात पर एकदम से सब इकट्ठा हो जाएँ।” एक अन्य बुर्का वाली महिला ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। संभल की गलियों में बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात दिखा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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