Tuesday, November 26, 2024
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विपक्ष कृषि कानूनों के रंग पर कर रहा चर्चा, कंटेंट और इंटेंट पर नहीं: लोकसभा में PM मोदी का विरोधियों पर वार

"जो हुआ नहीं उसका डर फैलाया जा रहा है, ऐसे तरीके आंदोलनजीवी अपनाते हैं। मैं किसानों से पूछना चाहता हूँ कि वे बताएँ उनका कौन सा हक मारा छीना गया है। ये कानून बंधन नहीं बल्कि किसानों की आजादी के लिए लाए गए हैं। प्रगति के लिए कुछ कानून जरूरी होते हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (फरवरी 10, 2021) को लोकसभा में कहा कि विकट और विपरीत काल में भी यह देश किस तरह से रास्ता चुनता है, राष्ट्रपति ने अभिभाषण में यह बात बताई है। राष्ट्रपति का अभिभाषण हर एक शब्द देशवासियों में विश्वास पैदा करने वाला है। राष्ट्रपति का अभिभाषण भारत के 130 करोड़ भारतीयों की संकल्प शक्ति को प्रदर्शित करता है।

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान जवाब देते हुए कहा हम जल्दी ही आजादी के 75 साल पूरे करने वाले हैं। आजादी का 75वाँ साल गर्व का साल होगा। 75 वर्ष का पड़ाव गर्व करने और आगे बढ़ने का मौका होगा। आजादी के 75वें साल में हमें नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ना है। कोरोना संकट काल में देश ने अपना रास्ता चुना और आज हम दुनिया के सामने मजबूती से खड़े हैं। इस दौरान भारत सभी भ्रमों को तोड़कर आगे बढ़ा है।

पीएम मोदी ने कहा कि हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, एक नियति होती है जिसे वह प्राप्त होता है। कोरोना काल में जिस तरह से भारत ने खुद को सँभाला और दूसरे देशों को संभलने में मदद की, वह अपने आप में अभूतपूर्व है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम आत्मनिर्भर बने। अंग्रेजों को भारत के एक राष्ट्र बनने को लेकर शक था, लेकिन लोकतंत्र हमारी रगों में बसा हुआ है। बीते 70 सालों में सत्ता परिवर्तन हमेशा बेहद आसानी से हुआ है।

कुछ लोग ये कहते थे कि इंडिया वाज ए मिरेकल डेमोक्रेसी। ये भ्रम भी हमने तोड़ा है। लोकतंत्र हमारी रगों और साँस में बुना हुआ है, हमारी हर सोच, हर पहल, हर प्रयास लोकतंत्र की भावना से भरा हुआ रहता है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह संतोष का विषय है कि कोरोना को लेकर जो भयावह परिणाम बताए गए थे, ऐसे में यह 130 करोड़ लोगों का समर्पण आज हमें बचा कर रखा है। इसका श्रेय 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों को जाता है।

पीएम मोदी ने कहा, “आज जब हम भारत की बात करते हैं तो मैं स्वामी विवेकानंद की बात का स्मरण करना चाहूँगा। हर राष्ट्र के पास एक संदेश होता है, जो उसे पहुँचाना होता है, हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, जो उसे हासिल करना होता है, हर राष्ट्र की एक नियति होती है, जिसे वो प्राप्त करता है।”

कॉन्ग्रेस के मनीष तिवारी को जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये भगवान की ही कृपा है कि कोरोना से दुनिया हिली लेकिन भारत बचा रहा। कोरोना काल में डॉक्टर और नर्स भगवान बनकर आए। कोरोना काल में ऐम्बुलेंस का ड्राइवर भी भगवान के ही रूप में आया। बोलते वक्त जब कुछ विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे तो पीएम मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा कि मुझे एक मिनट का ब्रेक देने के लिए मैं आपका आभारी हूँ।

पीएम ने कहा कि हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें। ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है। आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फ़ॉर लोकल सुनाई दे रहा है। ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है।

पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि इस कोरोना काल में 3 कृषि कानून भी लाए गए। ये कृषि सुधार का सिलसिला बहुत आवश्यक है। वर्षों से हमारा कृषि क्षेत्र जो चुनौतियाँ महसूस कर रहा है उसमें सुधार लाने के हमने इमानदार प्रयास किया है। लेकिन विपक्ष कानून के रंग पर चर्चा कर रहा है, कंटेंट पर नहीं, अच्छा होता कि कानून के तथ्यों पर चर्चा होती।

पीएम ने कहा, “जो हुआ नहीं उसका डर फैलाया जा रहा है, ऐसे तरीके आंदोलनजीवी अपनाते हैं। मैं किसानों से पूछना चाहता हूँ कि वे बताएँ उनका कौन सा हक मारा छीना गया है। ये कानून बंधन नहीं बल्कि किसानों की आजादी के लिए लाए गए हैं। प्रगति के लिए कुछ कानून जरूरी होते हैं।”

कॉन्ग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा पार्टी इतनी कन्फ्यूज है कि उसका एक धड़ा राज्य सभा में अलग स्टैंड रखता है और दूसरा धड़ा लोकसभा में अलग स्टैंड रखता है। ऐसी पार्टी न अपना भला कर सकती है और न ही देश का भला कर सकती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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