व्हाट्सएप और फेसबुक की नई प्राइवेसी पॉलिसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने फेसबुक और व्हाट्सएप से जवाब माँगते हुए कहा है कि उन्हें ‘डाटा शेयरिंग’ को लेकर अपनी पॉलिसी स्पष्ट करनी चाहिए।
कोर्ट के मुताबिक़ बेशक फेसबुक और व्हाट्सएप 2-3 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी होगी लेकिन लोगों की ‘प्राइवेसी’ (निजता) से ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने नई प्राइवेसी को लेकर फेसबुक और व्हाट्सएप दोनों से 4 हफ्ते के भीतर जवाब भी माँगा है।
Supreme Court issues notice to Facebook and WhatsApp, seeking their response on a plea challenging WhatsApp’s latest privacy policy which was introduced in January this year in India. Matter posted for hearing, four weeks later. pic.twitter.com/kjUANpTj2T
— ANI (@ANI) February 15, 2021
दरअसल नई प्राइवेसी पॉलिसी आने के बाद लाखों लोगों ने व्हाट्सएप को अलविदा कहा। इसके अलावा काफी लोगों ने व्हाट्सएप पे पर भी ‘साइन अप’ नहीं किया था।
व्हाट्सएप इस साल जनवरी में नई प्राइवेसी पॉलिसी लेकर आया था, जिस पर काफी विवाद हुआ। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब इस मामले पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्सएप से जवाब माँगा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।
याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा था कि यूरोप और भारत में पॉलिसी अलग-अलग नहीं हो सकती है। भारत में डाटा की सुरक्षा को लेकर क़ानून बनने वाला है, उसके आने के पहले ही व्हाट्सएप नई पॉलिसी लेकर आया है। हालाँकि इस पॉलिसी पर विरोध बढ़ने के बाद व्हाट्सएप ने इसे लागू करने की तारीख़ बढ़ा कर 14 मई की है। इस मामले पर सरकार ने भी कहा था कि लोगों की प्राइवेसी से समझौता नहीं किया जा सकता है, यह लोगों का अधिकार है।
शीर्ष अदालत के मुताबिक़ आम जनता दुनिया की किसी भी कंपनी से ज़्यादा अपनी प्राइवेसी को अहमियत देती है, भले वह कंपनी अरबों की ही क्यों हो। वहीं व्हाट्सएप का कहना था कि यूरोप में प्राइवेसी को लेकर विशेष क़ानून है। अगर भारत सरकार इस तरह का क़ानून लेकर आती है तो हम उसका पालन करेंगे।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कर्मण्य सिंह सरीन की याचिका में किए गए अंतरिम आवेदन के आधार पर सरकार और फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप को नोटिस जारी किया।