Tuesday, March 19, 2024
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‘हमारे नागरिकों के हितों की अनदेखी और यूरोप वालों को छूट’: केंद्र की Whatsapp को 2 टूक – भेदभाव नहीं चलेगा

भारत के लोगों के अधिकार और हितों को ठेस पहुँचाने वाला Whatsapp यूरोपियन यूजरों को छूट दे रहा है, जो यहाँ के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार है। मोदी सरकार ने व्हाट्सएप्प की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर...

भारत में Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर न सिर्फ जनता ने आक्रोश जताया, बल्कि केंद्र सरकार भी इस मामले में सतर्क हो गई है। अब केंद्र सरकार ने फेसबुक के स्वामित्व वाले Whatsapp से कहा है कि वो भारतीय यूजरों की ‘इन्फॉर्मेशन प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी’ का सम्मान करे। साथ ही इंस्टेंट मैसेजिंग एप को ये भी कहा गया है कि वो अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को भारत में लेकर नहीं आए।

TOI की खबर के अनुसार, सरकार ने व्हाट्सएप्प की नई वैश्विक प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। इसके आने के बाद यूजर्स को व्हाट्सएप्प से साथ कुछ सूचनाएँ साझा करनी पड़ेगी, जिन्हें वो अपने पार्टनर्स फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे एप्स के साथ शेयर कर सकता है। प्लेटफॉर्म का दावा है कि इससे उसे यूजर्स की पसंद-नापसंद को समझने में आसानी होगी और उसके हिसाब से कंटेंट्स पेश किए जाएँगे।

केंद्र सरकार को आशंका है कि भारतीय यूजर्स की इन सूचनाओं का न सिर्फ गलत इस्तेमाल किया जा सकता है, बल्कि इससे उनकी सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। देश में Whatsapp का प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या को देखते हुए ये आशंका जताई गई है। साथ ही फेसबुक का प्रयोग करने वालों की संख्या भी दसियों करोड़ में है। केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने CEO विल कैथकार्ट को उन प्रश्नों की सूची भेजी है, जिनके जवाब उन्हें देने पड़ेंगे।

अभी तक इसका कोई जवाब नहीं दिया गया है। केंद्र सरकार पिछले एक सप्ताह से पहले से ही इस मामले पर नजर रखे हुए थी और जनता की चिंताओं को समझने का प्रयास कर रही थी, जिसके बाद ये कदम उठाया गया। सरकार को इस बात से आपत्ति है कि जो व्हाट्सएप्प की नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे, उन्हें इसके प्रयोग की अनुमति नहीं होगी। साथ ही यूरोप की जनता को दी जा रही सहूलियत और छूट को लेकर भी सरकार ने व्हाट्सएप्प से सवाल पूछा है कि भारत के साथ दोहरा रवैया क्यों?

भारत सरकार अब यहाँ के नागरिकों के लिए भी डेटा प्रोटेक्शन के नए नियम लेकर आ सकती है, ताकि भविष्य में इस तरह के अपडेट्स के लिए लोगों को मजबूर न किया जा सके। केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत के लोगों के अधिकार और हितों को ठेस पहुँचाने वाला Whatsapp यूरोपियन यूजरों को छूट दे रहा है, जो यहाँ के नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार है। इसे भेदभाव वाला व्यवहार करार दिया गया है।

भारत सरकार ने कहा है कि वो देश के नागरिकों की डेटा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है और इसके लिए कदम उठाए जाएँगे। साथ ही ‘या तो अपडेट स्वीकार करो या व्हाट्सएप्प छोड़ दो’ वाले फैसले को सरकार ने ‘मोलभाव’ करार दिया है। व्हाट्सएप्प से दूसरे देशों में उसकी नीतियों को लेकर भी पूरा विवरण माँगा गया है। उस सर्वर के बारे में भी जानकारी माँगी गई है, जहाँ भारतीयों का डेटा स्टोर कर के रखा जाएगा।

विल कैथार्ट (Will Cathcart) को कड़े शब्‍दों में लिखे गए इस पत्र में इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड इनफॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍ट्री ने कहा है कि पूरी दुनिया में व्‍हाट्सएप के सबसे ज्‍यादा यूजर भारत में हैं और इसकी सेवाओं के लिए यह एक बहुत बड़ा बाजार है। भारत की संसद पहले से ही पर्सनल डेटा संरक्षण विधेयक पर विचार कर रही है। ये संसद के दोनों सदनों की ज्वाइंट सेलेक्ट कमिटी द्वारा विचार के एक अग्रिम चरण पर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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