Sunday, September 8, 2024
Homeविविध विषयअन्यCJI यौन उत्पीड़न मामले में महिला ने जाँच में शामिल होने से किया इनकार

CJI यौन उत्पीड़न मामले में महिला ने जाँच में शामिल होने से किया इनकार

महिला का आरोप है कि समिति द्वारा मुझसे बार-बार पूछा गया कि यौन उत्पीड़न की शिकायत मैंने क्यों देर से की। महिला ने कहा कि तीन जजों की समिति द्वारा पूछताछ से मैं घबरा गई थी। वहाँ का माहौल अजीब था। मेरे वकील भी साथ में नहीं थे।

सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी जिन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, ने तीन न्यायाधीशों के इन-हाउस पैनल द्वारा की जा रही जाँच से यह कहते हुए शामिल होने से इनकार किया है कि उन्हें लगता है कि वहाँ कोई न्याय मिलने की संभावना नहीं थी।

न्यायमूर्ति एसए बोबडे के नेतृत्व में वाले पैनल, जिसने सोमवार को अपना तीसरा इन-चैंबर सुनवाई किया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस.ए. बोबडे, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के सामने महिला ने अपना बयान दिया था। अब तक हुई तीन सुनवाई में, महिला ने कहा कि उसे डर लग रहा है क्योंकि उसे अकेले इसमें शामिल होना है और यहाँ तक कि उसके वकील को भी कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनने दिया गया।

इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने इस मामले की सुनवाई कर रही जजों की समिति पर भी सवाल खड़े किए हैं। महिला ने समिति पर यौन उत्पीड़न अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है।

महिला का आरोप है कि समिति द्वारा मुझसे बार-बार पूछा गया कि यौन उत्पीड़न की शिकायत मैंने क्यों देर से की। महिला ने कहा कि तीन जजों की समिति द्वारा पूछताछ से मैं घबरा गई थी। वहाँ का माहौल अजीब था। मेरे वकील भी साथ में नहीं थे। इसके अलावा महिला ने कहा कि उसे 26 और 29 अप्रैल को दर्ज किए गए बयानों की प्रति भी नहीं दी गई।

बता दें कि इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जाँच के लिए गठित तीन जजों की आंतरिक जाँच समिति से जस्टिस एनवी रमण ने खुद को अलग कर लिया था। दरअसल, आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी ने ही इस समिति में जस्ट‍िस एनवी रमण को शामिल किए जाने पर ऐतराज जताया था। महिला का कहना था कि जस्ट‍िस रमण प्रधान जस्ट‍िस गोगोई के करीबी दोस्त हैं और उनके घर पर अक्सर उनका आना-जाना रहता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -