महाराष्ट्र के जलगाँव स्थित सरकारी अस्पताल में पुलिकर्मियों की जबरदस्ती का मामला सामने आया है। स्थानीय आशादीप अस्पताल के महिलाओं के हॉस्टल में कुछ पुलिसकर्मियों व उनके साथियों ने मिल कर लड़कियों को नंगा होकर नाचने के लिए मजबूर किया। सामाजिक संस्थानों ने जिलाधीश के समक्ष इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है और साथ ही इस घटना का वीडियो भी सबूत के रूप में पेश किया है।
डीएम अभिजीत राउत ने आश्वासन दिया कि वो इस मामले को देखेंगे और दोषियों के खिलाफ तुरंत ही कार्रवाई की जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निराश्रित और बेसहारा लड़कियों के लिए भोजन और रहने का प्रबंध किया जाता है। उक्त हॉस्टल गणेश कॉलोनी क्षेत्र में स्थित है। इससे पहले भी इस हॉस्टल में गलत कार्य किए और कराए जाने की ख़बरें आ रही थीं। प्रशासन मामले की जाँच कर रहा है।
इस घटना की सूचना मिलने के बाद जननायक फोडेशन के अध्यक्ष फिरोज पिंजरी, फरीद खान और मंगला सोनवणे सहित कई एक्टिविस्ट मंगलवार (मार्च 2, 2021) को गर्ल्स हॉस्टल पहुँचे और वहाँ महिलाओं व लड़कियों से बातचीत कर के उनकी स्थिति जानी। कुछ लड़कियों ने बताया कि हॉस्टल कर्मचारियों की मदद से पूछताछ के बहाने कुछ पुलिसकर्मियों और बाहरी लोगों को हॉस्टल में एंट्री दे दी जाती थी।
जो लड़कियाँ उनका कहा नहीं मानती थीं, उन्हें पीटा जाता था और धमकाया जाता था। साथ ही सामाजिक संस्थानों को भीतर नहीं जाने दिया जाता था और जो लड़कियाँ आवाज़ उठाने की हिमाकत करती थीं, उन्हें हॉस्टल प्रबंधन द्वारा प्रताड़ित किया जाता था। कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र के बीड स्थित एक गर्ल्स हॉस्टल की भी एक खबर सामने आई थी। वहाँ गर्ल्स हॉस्टल के आइसोलेशन सेंटर में लड़कियों के कपड़ों पर अश्लील बातें लिखी गई थीं।
महाराष्ट्रात आमच्या आयाबहिणींना नग्न केलं जात आणि गृहमंत्री म्हणतात नोंद घेतो? असं सरकार हवंय कशाला? आमच्या आयाबहिणींची अशाप्रकारे थट्टा केली जात असेल तर, राष्ट्रपती राजवटीशिवाय पर्याय नाही. – @SMungantivar pic.twitter.com/D2tH3sgR23
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) March 3, 2021
साथ ही वहाँ रखी चीजों और कागजातों को भी इधर-उधर बिखरा दिया गया था। सोलापुर के गर्ल्स हॉस्टल में भी कुछ इसी तरह की घटनाएँ सामने आई थीं। ये मामला महाराष्ट्र विधानसभा में भी आज गूँजा। पूर्व मंत्री सुधीर मुंगतीवार ने कहा कि राज्य में हमारी ही माँ-बहनों को नंगा किया जा रहा है और और राज्य के गृह मंत्री हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन को ही सबसे बेहतर विकल्प करार दिया। महाराष्ट्र पुलिस पहले से कई मामलों में विवादों में है।