Monday, November 25, 2024
Homeदेश-समाजकर्नाटक: भगवद गीता की 3000 प्रतियों वाली लाइब्रेरी में उपद्रवियों ने लगा दी आग,...

कर्नाटक: भगवद गीता की 3000 प्रतियों वाली लाइब्रेरी में उपद्रवियों ने लगा दी आग, FIR दर्ज

हर दिन, 100-150 से अधिक लोग उनके पुस्तकालय में आते थे। इसाक कन्नड़, अंग्रेजी, उर्दू और तमिल सहित 17 से अधिक समाचार पत्रों की खरीद करते थे। हालाँकि वह अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करते थे, लेकिन वह लाइब्रेरी के रखरखाव और अखबारों की खरीद पर लगभग 6,000 रुपए खर्च करते थे।

कर्नाटक के मैसूर में कुछ उपद्रवियों ने एक लाइब्रेरी में आग लगा दी। इस पुस्तकालय में भगवद गीता की लगभग 3000 प्रतियाँ थी। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह सार्वजनिक पुस्तकालय सैयद इसाक नाम के शख्स का था। घटना शुक्रवार (अप्रैल 9, 2021) की है। 

पुस्तकालय में 11,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह था। सैयद इसाक अपनी पुस्तकालय पहल के लिए क्षेत्र के निवासियों के बीच लोकप्रिय थे, जिससे लोगों को हजारों पुस्तकों तक पहुँचने में आसानी हुई। सैयद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “सुबह 4 बजे लाइब्रेरी के बगल में रहने वाले एक शख्स ने मुझे बताया कि अंदर आग लगी हुई है। जब मैं लाइब्रेरी पहुँचा, जो कि कुछ ही दूरी पर है, तो मैंने उसे राख में तब्दील होते हुए देखा।”

उन्होंने कहा, “पुस्तकालय में भगवद गीता के 3,000 से अधिक उत्कृष्ट संग्रह थे, कुरान और बाइबिल की 1,000 प्रतियों के अलावा विभिन्न शैलियों की हजारों पुस्तकें थी, जिन्हें मैंने दान करने वालों से प्राप्त किया था।” उन्होंने मामले पर पुलिस से संपर्क किया और आईपीसी की धारा 436 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

सैयद ने कहा, “मैं शिक्षा से वंचित था और मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूँ कि दूसरों को मेरी जैसी दुर्दशा का सामना न करना पड़े। मैं चाहता हूँ कि लोग कन्नड़ सीखें, पढ़ें। हम इसे फिर से बनाएँगे।” बता दें कि सैयद इसाक दिहाड़ी मजदूर है।

इसाक ने इस सार्वजनिक पुस्तकालय को अमार मस्जिद के पास राजीव नगर में एक निगम पार्क के अंदर एक शेड जैसी संरचना में स्थापित किया था। हर दिन, 100-150 से अधिक लोग उनके पुस्तकालय में आते थे। इसाक कन्नड़, अंग्रेजी, उर्दू और तमिल सहित 17 से अधिक समाचार पत्रों की खरीद करते थे। हालाँकि वह अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करते थे, लेकिन वह लाइब्रेरी के रखरखाव और अखबारों की खरीद पर लगभग 6,000 रुपए खर्च करते थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

विकसित देशों ने की पर्यावरण की ऐसी-तैसी, पर क्लाइमेट चेंज से लड़ना गरीब देशों की जिम्मेदारी: दोगलई पर पश्चिम को भारत ने रगड़ा, 300...

भारत ने COP 29 समझौते पर प्रश्न खड़े किए हैं। भारत ने इस समझौते में स्वीकार की गई 300 बिलियन डॉलर को कम बताया है।

नो जेंटलमैन गेम: बुमराह का एक्शन/थ्रो बॉलिंग/चकिंग… अपने ही जाल में फँसा ऑस्ट्रेलिया, नहीं पढ़ पाया ‘बूम-बूम’ का दिमाग

ऑस्ट्रेलिया में जसप्रीत बुमराह ही नहीं, मुथैया मुरलीधरन और राजेश चौहान जैसे दिग्गज गेंदबाजों को भी इसी रणनीति के तहत निशाना बनाया गया।
- विज्ञापन -