Friday, May 3, 2024
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‘वाजिद के हिबानामा में बच्चों को संपत्ति में हक़ नहीं’: साजिद और उनकी अम्मी के खिलाफ बॉम्बे HC पहुँची पारसी बीवी कमलरुख

वाजिद खान की पत्नी ने कहा है कि उनके शौहर ने अपने निधन से पहले अपनी संपत्ति को बीवी और बच्चों के नाम किया था। उन्होंने कोर्ट में दावा किया कि बीवी-बच्चों के अलावा उस संपत्ति में कोई और दावेदार नहीं है। वाजिद की मौत कोरोना की वजह से हुई थी। उन्होंने साजिद और उनकी अम्मी पर उन्हें अकेले करने से खिलाफ भी कार्रवाई की माँग की।

दिवंगत संगीतकार वाजिद खान की पत्नी कमलरुख ने पारिवारिक संपत्ति के विवाद में बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। उन्होंने वाजिद के भाई साजिद खान और उनकी अम्मी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाल ही में ये खबर भी आई थी कि पिछले साल जून में वाजिद खान के इलाज के दौरान साजिद की बीवी ने अपनी किडनी दी थी। खान परिवार वाजिद की मौत के बाद से ही विवादों में है।

वाजिद खान की पत्नी ने कहा है कि उनके शौहर ने अपने निधन से पहले अपनी संपत्ति को बीवी और बच्चों के नाम किया था। उन्होंने कोर्ट में दावा किया कि बीवी-बच्चों के अलावा उस संपत्ति में कोई और दावेदार नहीं है। वाजिद की मौत कोरोना की वजह से हुई थी। उन्होंने साजिद और उनकी अम्मी पर उन्हें अकेले करने से खिलाफ भी कार्रवाई की माँग की। साथ ही खुद की और बच्चों के हितों की रक्षा की माँग की।

बता दें कि पारसी कमलरुख धर्मांतरण के दबावों के कारण बाकी परिवार से अलग रहती थीं। वाजिद भी बीवी के साथ ही रहते थे। 2014 में विवाद इतना बढ़ गया था कि वाजिद ने तलाक की अर्जी भी बांद्रा कोर्ट में दायर कर दी थी। कमलरुख ने कहा कि वाजिद ने अपनी संपत्ति उस दौरान जिन शर्तों पर हस्ताक्षर किया था, उसमें अपनी संपत्ति के रखरखाव की जिम्मेदारी बीवी-बच्चों को दी थी और कुछ अचल संपत्ति उनके नाम भी की थी।

कमलरुख ने आरोप लगाया कि साजिद खान ने भाई की मौत के बाद वाजिद की संपत्ति जिन-जिन सोसाइटीज में थी, उन सब से संपर्क कर के अकाउंट मैनेजर्स को कमलरुख का फोन कॉल न उठाने को कहा। आरोप है कि साजिद ने संपत्ति हड़पने के लिए अपना नाम ‘साजिद वाजिद’ रखने की भी कोशिश की। जबकि साजिद और उनकी अम्मी का कहना है कि वाजिद के ‘हिबानामा’ के हिसाब से बच्चों को कुछ नहीं मिलने वाला है।

बता दें कि नवंबर 2020 में अपने शुरुआती रिश्ते की बातें बताते हुए कमलरुख ने कॉलेज दिनों को याद किया और बताया कि जब उन्होंने शादी करने का फैसला किया, उस समय मजहब परिवर्तन की बात उठी थी। कमलरुख के मुताबिक, वाजिद एक ऐसे परिवार से आते थे, जिनका मानना था कि यदि कमलरुख को उनके परिवार में शादी करनी है, तो धर्मांतरण जरूरी होगा। हालाँकि वह इस बात से नाखुश थीं और वाजिद को ये सब चीजें अपनी शादी में बाधा लग रही थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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