दक्षिणी कश्मीर के त्राल के नगर पार्षद बीजेपी नेता राकेश पंडिता की हत्या में किसी करीबी के धोखे देने या गाँव के ही किसी व्यक्ति द्वारा मुखबिरी की आशंका जताई जा रही है। राकेश पंडिता की बुधवार (2 जून) को तीन आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
राकेश पंडिता की हत्या में किसी करीबी के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। राकेश पंडिता के बेटे पारस पंडिता ने कहा है कि ऐसा लगता है कि उनके पिता के साथ धोखा हुआ या किसी ने मिलीभगत करके उनकी हत्या करवाई।
किसी ने धोखा दिया या मिलीभगत की: राकेश पंडिता के बेटे पारस
12वीं में पढ़ने वाले राकेश पंडिता के बेटे पारस पंडिता ने पिता की मौत के पीछे किसी साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया और आज तक से कहा, ”जब उनकी डेथ हुई थी तो उससे पहले उन्होंने मुझे फोन किया था, अब जब मैं सोच रहा हूँ तो लग रहा है कि उन्हें पता था कि ऐसा कुछ होने वाला है।” (वीडियो लिंक में 5:11 मिनट से 5:36 मिनट) और (वीडियो में 6:05 मिनट से 6:38)
पारस ने राकेश पंडिता की हत्या को लेकर कहा, ”धोखा दिया या क्या पता किसी ने मिलीभगत की हो।”
ये पूछे जाने पर कि क्या गाँव के ही किसी व्यक्ति ने ही उनकी मुखबिरी की थी, पारस ने कहा, ”सँभावना हर एक चीज की है और इसकी जाँच एनआईए से होनी चाहिए।”
त्राल कश्मीरी पंडिता के रहने लायक नहीं: रूबी पंडिता
राकेश पंडिता की पत्नी ने कहा कि कश्मीरी पंडिता यहाँ के कट्टरपंथियों को खटकते हैं। इसीलिए उनके पति की हत्या कर दी गई। राकेश पंडिता की हत्या में सांप्रदायिक ऐंगल की बात मानते हुए उनकी पत्नी ने कहा, ”त्राल में कई लोग ऐसे थे जो कहते थे कि मुस्लिम ही अध्यक्ष बनेगा हिंदू नहीं।” (वीडियो 2:30 से 3: 25 मिनट)
रूबी पंडिता ने कहा, ”त्राल कश्मीरी पंडितों के लिए रहने लायक नहीं है, क्योंकि यहाँ के लोगों की आँखों में कश्मीरी पंडित खटकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कश्मीर में अन्य जगहों के मुकाबले त्राल आतंकियों का कहीं बड़ा गढ़ है।” (वीडियो में 4:18 मिनट से 5:04 मिनट)
पति की हत्या से टूट चुकीं रूबी पंडिता ने कहा कि जिन्होंने (आतंकियों) इन्हें मारा उन्हें भी गोलियों से भून दिया जाना चाहिए। जहाँ-जहाँ भी आतंकी हैं उनका सफाया होना चाहिए। (वीडियो में 4:18 मिनट से 5:00 मिनट)
पत्नी ने बताया कि 15 दिन पहले ही राकेश पंडिता के पिता की मौत हुई थी, लेकिन वह जनसेवा के लिए घर पर नहीं रुके और लोगों के बीच जाने लगे। लोगों के लिए सोचने की उनकी यही आदत कट्टरपंथियों को खटकती थी।
कौन थे राकेश पंडिता
राकेश पंडिता मूलरूप से दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल के रहने वाले थे। उनका परिवार 1990 में पलायन के बाद उनका परिवार जम्मू आ गया था। 2020 में 30 साल बाद राकेश पंडिता फिर त्राल लौटे। राकेश और उनकी पत्नी ने बीजेपी के टिकट पर स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ा था। दोनों चुनाव जीते, पत्नी पार्षद बनीं और राकेश निकाय के चेयरमैन बने। 2 जून, 2021 की रात तीन आतंकवादियों ने राकेश पंडिता की हत्या कर दी।