प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक में गए भारतीय खिलाड़ियों को प्रधानमंत्री आवास में एक दावत दी, जहाँ वो खुद भी मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को आइसक्रीम खिलाने का भी वादा पूरा किया। स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और वेटलिफ्टर मीराबाई चानू समेत कई खिलाड़ियों से उन्होंने बातचीत की। इस दौरान माहौल काफी हल्का रहा और बातों-बातों में ही परम मोदी ने खिलाड़ियों से कई रोचक चीजें जानीं और उनका मनोबल बढ़ाया।
दुनिया में जेवलिन थ्रो के शीर्ष खिलाड़ियों में से एक नीरज चोपड़ा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब उन्होंने दूसरी बार भाला फेंका, उसके बाद वो विजय के मूड में आ गए। पीएम मोदी ने कहा कि उस समय वो सरप्राइज्ड थे। साथ ही उन्होंने चोपड़ा के आत्मविश्वास की भी दाद दी। उन्होंने पूछा कि ये कैसे संभव हुआ? इस पर नीरज चोपड़ा ने कहा कि इतने सालों के अनुभव के बाद प्रयास से ही पता चल जाता है कि ये थ्रो कैसा था।
नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैंने देखा है कि विजय तुम्हारे सिर पर नहीं चढ़ता और पराजय तुम्हारे मन में नहीं बैठता। तुम हमेशा नियंत्रण में रहते हो।” इस पर नीरज चोपड़ा ने कहा कि हमें बाकी सभी प्रतिद्वंद्वी एथलीट्स के बीच हमें खुद के प्रदर्शन पर फोकस करना पड़ता है और बाकी खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देख कर हताश नहीं होना होता है। नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों को चूरमा भी खिलाया। पीएम मोदी ने बताया कि वो चातुर्मास में एक समय ही भोजन करते हैं।
इस दौरान नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया। दिवंगत पीएम के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने खिलाड़ियों को बताया कि एक बार अटल जी किसी परिवार में भोजन करने गए। वहाँ उन्हें गुलाबजामुन मिला। मीडिया वालों को उन्होंने बताया कि गुलाबजामुन बहुत अच्छे थे, जिसके बाद पूरे देश में ये खबर छप गई। इसके बाद वो जहाँ जाते थे, वहाँ गुलाबजामुन खिलाए जाते थे।
इससे वो तंग आ गए और हलके अंदाज़ में कहा कि कोई ऐसा सर्कुलर निकालों कि मैं जहाँ जाऊँ वहाँ गुलाबजामुन न खिलाए जाएँ। इस दौरान कई ऐसे खिलाड़ियों से भी उन्होंने बात की, जिन्हें मेडल नहीं मिल सका। पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से कहा कि वो लिख कर उन्हें दें कि विश्व में खेलों में शीर्ष स्थान पर जाने के लिए क्या-क्या करना चाहिए और प्रशिक्षण की कैसे व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों से अपने-अपने सुझावों को देने को कहा।
वहीं रेसलर रवि दहिया से पीएम मोदी ने पूछा कि उन्होंने आखिरी समय में खेल कैसे बदल दिया? इस पर दहिया ने कहा कि उन्हें पता था कि उन्हें ये आखिरी मौका मिला है। पीएम मोदी ने याद किया कि कैसे उनके प्रतिद्वंद्वी पहलवान ने उनका हाथ काट लिया, फिर भी वो उन्हें जकड़े रहे। उन्होंने पूछा कि क्या ऐसी करतूतों पर ओलंपिक कोई कार्रवाई लेता है। पीएम मोदी ने इस दौरान रवि दहिया से एक ‘शिकायत’ भी की।
उन्होंने कहा कि 5 साल हरियाणा में रह कर काम करने का उनका अनुभव कहता है कि वहाँ के लोग हर चीज में कुछ न कुछ हँसने वाली टिप्पणियाँ करते हैं। उन्होंने कहा कि रवि ने उनकी शिकायत है कि वो पोडियम पर भी हँसते नहीं थे। उन्होंने पूछा कि क्या उनके मन में प्रेशर था, जिस पर रवि ने कहा कि उन्हें गोल्ड की उम्मीद थी। पीएम मोदी ने उन्हें सलाह दी कि वो निराशा का भाव न आने दें और हरियाणवी लोगों की तरह खुशमिजाज रहें।
वहीं रेसलर बजरंग पुनिया से पीएम मोदी ने पूछा कि पैर में चोट आने के बावजूद वो खेलते रहे और पट्टी वगैरह निकाल दी। इस पर बजरंग पुनिया ने कहा कि ओलंपिक में खेलना है खिलाड़ी का सपना होता है, ऐसे में उन्होंने सोचा कि पैर टूट भी जाए तो फर्क नहीं पड़ता लेकिन वो खेलेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि वो चुप बैठने वाले नहीं हैं और आगे और मेहनत करेंगे। उन्होंने दीपक पुनिया से कहा कि वो हार न मानें और उन्होंने अच्छा किया है, देश को उन पर गौरव है।
वहीं विनेश फोगट से उन्होंने कहा कि वो इतना गुस्सा क्यों करती हैं और उन्हें निराश न होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आने के बाद भी वो किसी से नहीं मिलती थीं, ये तरीका सही नहीं है। उन्होंने उन्हें हार को मन से निकालने की सलाह देते हुए कहा कि जीत को कभी सिर पर चढ़ने मत दीजिए और हार को मन में बसने मत दीजिए। उन्होंने कहा कि विनेश के पूरे परिवार को जानते हैं और उन्हें निराश नहीं देख सकते।
उन्होंने विनेश से कहा कि वो अपने परिवार के साथ उनके घर आएँ, वहाँ बातचीत होगी। विनेश फोगट ने कहा कि उनके ऐसा कहने से उन सभी खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिलेगा, जो मेडल नहीं ला सके। उन्होंने हॉकी खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ओलंपिक में जितना भी जीत ले, हॉकी के बिना लगता ही नहीं कि मेडल मिला। हॉकी खिलाड़ियों ने कहा कि जीतने के बाद सब बात करते हैं, लेकिन हारने के बाद पीएम मोदी ने बात कर के जो मनोबल बढ़ाया वो बड़ी बात है।
उन्होंने पीआर श्रीजेश से कहा कि क्रिकेट में तो विकेटकीपर को सभी जानते हैं, लेकिन हॉकी में जीत के बाद भी बताना पड़ता है कि गोलकीपर कौन है। उन्होंने श्रीजेश को ‘द वॉल’ बताया। उन्होंने खिलाड़ियों को बताया कि कैसे गुजरात में वो ‘खेल महाकुंभ’ चलाया करते थे। इस दौरान वो 3 दिन गाँवों में रहते थे, ऐसे गाँवों में जहाँ बच्चियों की शिक्षा कम होती थी। वहाँ वो परिवारों को लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करते थे।
इस दौरान उन्होंने पीवी सिंधु के कोरियाई कोच को अयोध्या और कोरिया के बीच रिश्ता समझाते हुए बताया कि पिछले साल हुए समारोह में कोरिया की फर्स्ट लेडी मुख्य अतिथि थीं। महिला हॉकी खिलाड़ियों से उन्होंने कहा कि हार के बाद सभी खिलाड़ी और कोच तक इमोशनल हो गए थे, लेकिन अच्छे से चीजों को संभाला गया। महिला हॉकी खिलाड़ियों ने कहा कि आपने हमारा प्रोत्साहन बढ़ाया, उससे हमारा मनोबल बढ़ा।